सूरत : दीवाली त्यौहार मनाने के लिए दो दिन तक पिता को नाबालिग बच्ची की कस्टडी दी

सूरत : दीवाली त्यौहार मनाने के लिए दो दिन तक पिता को नाबालिग बच्ची की कस्टडी दी

तलाक के बाद बच्ची से मिलने नही देने पर पिता ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, कोर्ट ने त्यौहार पर पिता को दो दिनों की कस्टडी सोंपने का आदेश दिया

नैसर्गिक पिता को अपने बच्चे से मिलने का कानूनी अधिकार है:- कोर्ट
माननीय सूरत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए. आर मलिक साहब ने दीवाली के त्योहार के दौरान लड़की को पिता के पास रखने के लिए 2 दिन के लिए लड़की को पिता को सौंपने का अंतरिम आदेश दिया है। दीपावली पर्व पर पिता को अंतरिम राहत देते हुए 02/11/2021 और 03/11/2021 तक पिता अपने बच्चे को दो दिन तक अपने पास रख सकता है। त्योहार मनाने के लिए सुबह बच्चे को मां से महिला थाने से ले जाएं और शाम को मां के पास महिला थाने में लौटा दे। अगले दिन दुबारा बच्ची को उसकी मां से महिला थाने से ले जा सकते है और  शाम को वापस महिला पुलिस थाने लडकी को लौटाने की अंतरिम राहत दी है। 
अडाजन सूरत में रहने वाले याचिकाकर्ता के पिता राजेश आडतिया ने 2014 में हिना आडतिया से शादी की और "निशा" नाम की एक बेटी को जन्म दिया। दोनों पक्षों के वैवाहिक जीवन में बहुत अधिक कलह हो तो दोनों पक्षों का भावी विवाह नहीं चल सकने पर दोनो परस्पर सहमति से तलाक लेकर अलग हो गए। छोटी उम्र की बेटी की स्थायी हिरासत मां के पास रहने का फैसला किया गया और आवेदक पिता बच्चे के मिलने और फोन पर बात करने के अधिकार से सहमत हो गए।  तलाक के बाद मां ने नाबालिग बेटी "निशा" को मिलने का अधिकार देने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता पिता को पिता के प्यार से वंचित कर दिया। आवेदक पिता द्वारा सूरत जिला एवं सत्र न्यायालय में आवेदन एडवोकेट तृप्ती सी. ठक्कर द्वारा किया था। 
आवेदनकर्ता पिता दिवाली का त्यौहार लडकी के साथ मनाने के लिए कोर्ट में एडवोकेट तृप्ती ठक्कर ने दलीलों में कहा की आवेदनकर्ता नाबालिक का कानुनी रुप से पिता है। त्यौहार पर बच्ची को घुमाने , गिफ्ट देने , पुजा अर्चना करने के लिए कब्जा देना चाहिए ऐसा कहा। कोर्ट ने दोनो पक्षों की दलिलों के बाद आदेश दिया की 2 और 3 नवंबर को सूबह 9 से शाम 7 बजे तक महिला पुलिस थाने से पिता को बच्ची का कब्जा मिलेगा। शाम के बाद बच्ची को वापस महिला पुलिस थाने में माता को सौंपा जायेगा। 
Tags: