सूरत: कैसे बनें एक सफल इन्वेस्टर? चैंबर के सेमिनार में विशाल बख्शी ने सिखाईं निवेश की 7 सुनहरी आदतें
महंगाई को मात देने के लिए इक्विटी और SIP है सबसे कारगर हथियार; "लक्ष्य आधारित निवेश ही दिलाता है वित्तीय आजादी"
सूरत । सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) ने अपनी 'नॉलेज सीरीज' के तहत आज नानपुरा स्थित 'समृद्धि' भवन में निवेश की बारीकियों को समझाने के लिए एक विशेष सेमिनार आयोजित किया।
'एक सफल इन्वेस्टर की 7 आदतें' विषय पर आयोजित इस सत्र में विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे आम नागरिक अपनी मेहनत की कमाई को सही दिशा में लगाकर वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
'केवी वेल्थ' के फाउंडर और सीईओ विशाल बख्शी ने मुख्य वक्ता के रूप में सफलता की परिभाषा को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सफल निवेशक वह नहीं है जो केवल पैसा कमाता है, बल्कि वह है जो अपने जीवन के सभी वित्तीय लक्ष्यों (Financial Goals) को समय पर हासिल कर लेता है।
विशाल बख्शी ने निवेशकों को उन सात आदतों के बारे में विस्तार से बताया जो महंगाई जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद करती हैं:
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लक्ष्य आधारित निवेश: निवेश हमेशा किसी उद्देश्य (जैसे बच्चों की पढ़ाई या घर) के लिए करें।
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जल्दी शुरुआत: निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी होगी, 'कंपाउंडिंग' का लाभ उतना ही अधिक मिलेगा।
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इक्विटी में भरोसा: लंबे समय में संपत्ति बनाने के लिए इक्विटी (शेयर बाजार) सबसे बेहतर विकल्प है।
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नियमितता (Consistency): बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद नियमित निवेश जारी रखें।
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भावनाओं पर नियंत्रण: बाजार की गिरावट में डरकर या बढ़त में लालच में आकर फैसले न लें।
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जोखिम प्रबंधन (Risk Cover): निवेश के साथ-साथ पर्याप्त बीमा (इंश्योरेंस) होना भी जरूरी है।
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विशेषज्ञ की सलाह: इन सभी आदतों को अनुशासन से निभाने के लिए एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद लें।
सेमिनार के दौरान म्यूचुअल फंड में SIP (Systematic Investment Plan) के फायदों पर विशेष जोर दिया गया। बख्शी ने उदाहरणों के जरिए बताया कि कैसे छोटे-छोटे नियमित निवेश भविष्य में एक बड़ा फंड खड़ा कर सकते हैं।
चैंबर के मानद मंत्री बिजल जरीवाला ने स्वागत भाषण में कहा कि तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ कदम मिलाने के लिए हमारे सदस्यों का आर्थिक रूप से साक्षर होना अनिवार्य है। ग्रुप चेयरमैन कमलेश गजेरा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई, जबकि कैपिटल एंड कमोडिटी मार्केट कमेटी के एडवाइजर केतन दलाल और को-चेयरमैन बालकृष्ण वघासिया ने सत्र का कुशल प्रबंधन किया।
सेमिनार के अंत में एक इंटरैक्टिव क्यू-एंड-ए (Q&A) सेशन हुआ, जहाँ विशाल बख्शी ने टैक्स सेविंग और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन से जुड़े कई पेचीदा सवालों के जवाब दिए।
