सूरत : छात्रा बाल तोडक़र खाती थी, पेट से 500 ग्राम बाल का गुच्छा निकाला

सूरत : छात्रा बाल तोडक़र खाती थी, पेट से 500 ग्राम बाल का गुच्छा निकाला

कक्षा-11 की छात्रा की नई सिविल अस्पताल में हुई सर्जरी

शहर में एक अजीबो गरीब घटना सामने आयी है। घोड़दौड़ रोड की मानसिक रूप से पीडि़त कक्षा 11 की छात्रा को सिर के बाल तोडक़र खाने की आदत थी। नई सिविल सर्जनों की एक टीम ने सफल ऑपरेशन कर उसके पेट से 500 ग्राम बालों का  गुच्छा निकाला।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घोड़दौड़ रोड पर रहने वाली कक्षा 11 आर्ट्स में पढऩे वाली 16 वर्षीय छात्रा मानसिक बीमारी के कारण लंबे समय से अपने बाल तोडक़र खा रही थी। जिससे उसका खाना कम हो गया और वजन भी घटने लगा था। उसे इलाज के लिए  निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां सोनोग्राफी में उसके पेट में बालों का गुच्छा दिखायी दिया। उसकी मां घर का काम करके परिवार का गुजारा चलाती है। ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं होने के कारण उनका परिवार असमंजस में था। पिछले 11 तारीख को परिजन उसे इलाज के लिए नई सिविल अस्पताल के सर्जरी विभाग में लेकर आए।
 13 तारीख को नई सिविल सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. निमेष वर्मा के मार्गदर्शन में डॉ. देवेंद्र चौधरी, डॉ. अमित और डॉ. धर्मेश समेत डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे तक सफल सर्जरी की। और उसके पेट में फंसे  500 ग्राम बालों का  गुच्छा निकालने के लिए उसके पेट में 7 से 8 सेंटीमीटर का चीरा काटा। बाल का गुच्छा निकालते ही उसके सेहत में सुधार हो रहा था। इसलिए उसे छुट्टी दे दी गई। मानसिक समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर ने दवा भी शुरू कर दी है।
पहले भी एक किलो बाल खाए जाते थे
छात्रा मानसिक बीमारी से पीडि़त होने से चार साल पहले भी निजी अस्पताल में अनुमानित एक किलोग्राम बाल निकालने के लिए सर्जरी करवाई थी। ऐसा उसके परिवार वालों ने सिविल डॉक्टर को बताया। धर्मेश चौहान ने कहा मानसिक बीमारी वाले एक हजार में से पांच लोगों को अपने बाल तोडऩे और इसे खाने की आदत होती है। एक बार ऑपरेशन के बाद दूसरी बार बालों का गुच्छा होना दुर्लभ मामले में होता है। संभावना है कि पहली बार सर्जरी के बाद मानसिक तकलीफ की उसने दवा नहीं ली हो।
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