सूरत : प्रोसेसिंग चार्जिस के हर 10-15 दिनों में बढते भावों से व्यापारीओं में आक्रोश

सूरत : प्रोसेसिंग चार्जिस के हर 10-15 दिनों में बढते भावों से व्यापारीओं में आक्रोश

डाईंग मीलो ने प्रोसेसिंग चार्जिस के भाव में अन्यायी रुप से बढाए जाने का फोस्टा ने विरोध कर व्यापारियों से माल नही खरीदने को कहा है।

अव्यवहारिक रुप से किए गए भाववृध्दि वाला माल नही स्वीकारेः फोस्टा
डाईंग मील मालिको द्वारा प्रोसेसिंग चार्जिस में पिछले दो महिनों के दौरान 10-15 दिनों के अंतराल में कई बार भाववृध्दि की गयी जिसे लेकर मंगलवार दिनांक 19/10/2021 को फोस्टा कार्यालय में व्यापारी अग्रणीओं की आवश्यक मीटिंग हुई। मीटिंग में प्रोसेस मील के द्वारा बार बार अव्यावहारिक रूप से भाव बढ़ाने के खिलाफ व्यापारीयो में काफी आक्रोश था। व्यापारी वर्ग का कहना है कि मीलों ने अलग अलग समय के भावपत्रक व्यापारीओं को भेजे है। 
इस प्रकार दो महिनों में चार बार भाव वृद्धि अलग- अलग समय पर किया गया है ।  01/09/2021 से पहले का माल 0.25 पैसा भाव वृद्धि दर से, उसके बाद 01/09/2021 से 01/10/2021 तक का माल 0.25 भाव वृद्धि दर,  उसके बाद 01/10/2021 से 11/10/2021 तक का माल 0.50 भाव वृद्धि दर और 21/10/2021 से 0.50 पैसा भाव बढाकर मीलों द्वारा व्यापारीयों को माल भेजा जायेगा। 
फोस्टा ने सभी व्यापारीओं की समस्या सुनने के बाद निर्णय लिया है कि इस प्रकार से अन्यायी रूप से भाववृद्दि योग्य नही है। प्रोसेसर्स मिलों से भाववृद्दि के साथ आनेवाले माल को व्यापारी स्वीकार नहीं करेगा। व्यापारीयों से निवेदन है कि जिन मील मालिक / मास्टर ने इस प्रकार का व्यवहार किया है उनका पेमेन्ट उनके पत्रों के अनुसार तय धारा से ही कराए। मालिक / मास्टरो को भी हर 10 दिन से पत्रक निकालकर डिलेवरी चार्ज पर भाव वृद्धि की बाते व्यवहारिक नही है सो सभी व्यापारी अपनी मील मालिक / मास्टर से बात करे एवं आगे से लिखित में तय कराए ताकि आपसी विवाद का विषय नहीं बने।
मिल मालिक कहते है की कोयला 4000 से 17000 हो गया है और आगे कितना बढ़ेगा यह कह नही सकते। छोटे व्यापारीओं ने फोस्टा बैठक में कहा कि बडे व्यापारी तो मिल मालिकों से अपनी से‌टिंग कर लते है लेकिन छोटे व्यापारीयों का अस्तित्व ही अंधकारमय हो जायेगा। 
ग्रे धारा धोरण की तरह ही प्रोसेसिंग चार्जिस में छोटे व्यापारी के साथ होगा धोखाः गजेन्द्रसिंह राठोड
गजेन्द्रसिंह राठोड ने मीलों द्वारा बढाए गए प्रोसेसिंग चार्जिस के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि  मिल मालिकों ने प्रोसेसिंग चार्जिस में पिछले दो महिनों के दौरान चार बार वृध्दि की है। फिर से छोटे दुकानदारों के साथ होगा धोखा, बडे दुकानदार किसी भी बात को मानेंगे नहीं । बडे व्यापारीओं के साथ मील वाले समझोता करेंगे और छोटे दुकानदार अडे रहेंगे फोस्टा के आदेश को मानेंगे। त्यौहारों के चलते मार्केट में अभी थोडी बहुत बिकवाली है उससे भी छोटे व्यापारी हाथ धोएंगे। बडे दुकानदार अपना पुरा स्टॉक साफ कर देंगे। अभी चोकाने वाली बात यह है कि अनेकों दुकानदारों ने स्कीमें चालू की हुई है, चांदी के सिक्के, सोने बिस्किट, विदेश यात्रा, मोटरसाइकिल वगैरह  ये सब बडे दुकानदार फोस्टा को नहीं मानते हैं।
याद करें ग्रे को लेकर धारा धोरण को लेकर सभी संगठनों ने मिलकर एक कमेटी बनाई गई थी हुआ क्या कमेटी अध्यक्ष ने लडाई छोड दी थी ओर बडे दुकानदार सीधे मीलो मे ग्रे भेज रहे थे और छोटे दुकानदार टेम्पो पकडऩे रोडों पर थे नतीजा क्या आया था? मै सीधी बात करता हूँ बहुतों को बुरी लगती हैं पर सत्य है। जो हमारे बस मे नहीं उसे बांध नहीं सकते हैं। दिपावली की बिकवाली का समय हैं, मील वाले अगर 31 अक्टूबर तक डिलीवरी नहीं देंगे तो छोटे दुकानदार क्या करेंगे,  बाद में किसे बेचने जाएंगे, ग्रे के भाव कम हुए तो, बाहर गांव वाले व्यापारी की क्षमता के हिसाब से वो बडे दुकानदार से पूर्ति कर लेंगे, इसकी जिम्मेदारी कोन लेंगे?

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