सूरत : शहर की प्रोसेसिंग इकाइयों में दीपावली पर लंबे अवकाश की आशंका

सूरत : शहर की प्रोसेसिंग इकाइयों में दीपावली पर लंबे अवकाश की आशंका

प्रोसेसिंग उद्योग के रो-मटेरियल पर एन्टी डम्पिंग ड्यूटी लागू करने की दरखास्त से मिल मालिकों में खलबली

चाइना क्राइसिस का असर सूरत के डाईंग प्रोसेसिंग इकाई में उपयोग किए जाने वाले रो मटेरियल्स पर पड़ा है। कोयला और केमिकल सहित रो मटेरियल्स के दाम कई गुना बढ़ गए है। जिसको लेकर प्रोसेसर्स ने मिले शुरू रखने के लिए दो बार 20 प्रतिशत जॉब चार्ज बढ़ाया। रो मटेरियल्स की कमी को देखते हुए डिलरों द्वारा एडवान्स पेमेंट सिस्टम लागू किए जाने से क्रेडिट बेज पर चलने वाली 20 प्रतिशत मिले संकट में आ गई। उद्योग की स्थिति सामने दिवाली पर खराब है। डोमेस्टिक डाइज एन्ड केमिकल के सात उत्पादकों को सिंडिकेट बनाकर चीन और विएतनाम से इम्पोर्ट होने वाले रेंगोलाइट और सेफोलाइट  जैसे प्रोसेसिंग केमिकल पर एन्टी डम्पिंग ड्यूटी लागू करने के लिए ऑथोरिटी समक्ष पिटीशन फाइल करने से ऑथोरिटी ने यूजर्स और प्रोसेसर्स संगठनों को विश्वास में लिये बिना एकतर्फी सिफारस वित्त मंत्रालय को भेजने से मिल मालिकों में खलबली मच गई। 
साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन प्रमुख जीतेंद्र वखारिया ने बताया कि रेंगोलाइट और सेफो लाइट सहित के केमिकल प्रोसेसिंग इंडस्ट्री रो-मटेरियल्स माना जाता है। इस पर एन्टी डम्पिंग ड्यूटी लागू होगा तो डोमेस्टिक मार्केट में रो-मटेरियल्स  के दाम अभी तीन से चार गुना बढ़ गए है। इसमें कार्टेल से और बढ़ोत्तरी होगी। इस मामले केंद्र के वित्त मंत्री को पेशकश करने से पहले सूरत के सांसद और टेक्सटाइल राज्यमंत्री को पेशकश की जाएगी।
प्रोसेसिंग के रो-मटेरियल्स डोमेस्टिक लेवल पर केवल 7 कंपनियां  बनाती है। वहीं 15 फीसदी तक केमिकल चीन जैसे देशों में से इम्पोर्ट होता है। चाइना क्राइसिस के चलते दाम ज्यादा बढ़ गए। ऐसे स्थिति में रो- मटेरियल्स भी इतना इम्पोर्ट नहीं  होता है कि एन्टी डम्पिंग लग सके। नियम के मुताबिक 20 फीसदी से ज्या रो मटेरियल्स इम्पोर्ट होता हो तो एन्टी डम्पिंग ड्यूटी लागू हो सकता है।
प्रोसेसिंग उद्योग में कोयला, हाइड्रो, पोलिसोल, एसिटिक एसिड, साइट्रिक एसिड और कोस्टिक सोडा के दाम 2 से 5 गुना बढ़ गए है। जिसके कारण मिलों का कोस्टिंग बहुत ज्यादा हो गया है। रो-मटेरियल्स के संग्रहखोरी कर कृत्रिम कमी पैदा की गई है। जिसे तोडऩे के लिए कुछ मिल मालिकों ने पूरे नवंबर माह मिल बंद रखने की पेशकश की है।
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