पुलिस ने टूरिस्ट बनकर हत्या के आरोपी को गोवा से गिरफ्तार किया

पुलिस से बचने आरोपी ने स्मार्ट फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया

सूरत में डिंडोली तालाब के पास संतोक रेजीडेंसी के पास 11 माह पहले धारदार हथियार से एक युवक की हत्या करने वाले भगोड़े मुख्य सरगना विकास श्रीवास्तव को डिंडोली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्या करके फरार हुआ विकास गोवा में हाइड्रा क्रेन के ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था और पुलिस से बचने के लिए अपने माता-पिता को घर भेज दिया था। शातिर विकास ने पुलिस से बचने के  लिए स्मार्ट फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया। हालांकि पुलिस को उसकी सूचना मिलने पर टूरिस्ट बनकर उस पर नजर रखकर पकड़ लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 44 वर्षीय मधुकरभाई सोनवणे, जो सूरत में डिंडोली तालबा के पास संतोक रेजीडेंसी में रहते थे और पहले गैरेज चलाते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद कोई व्यवसाय नहीं चलने पर गैरेज बंद कर दिया और फाइनान्स कंपनी में क्लर्क के रूप में नौकरी करते थे। दन पर  2 नवंबर, 2020 को दोपहर 2.30 बजे सोसाइटी के गेट पर दो बाइक पर सवार विकास, मनजी सहित चार से पांच जनों ने धारदार हथियार से वार कर घायल कर दिया था। मधुकरभाई को इलाज के लिए स्मीमेर अस्पताल ले जाया गया। हालांकि कुछ देर इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर डिंडोली पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच में सामने आया कि सोसायटी के लडक़ों के बीच पिछले दो-तीन दिनों से झगड़ा चल रहा था और इसमें दखल देने पर उन पर हमला किया गया। मामले में अमित वर्मा को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद कुख्यात अपराधी मनजी चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस बीच मधुकरभाई की हत्या का मास्टरमाइंड विकास सुशील श्रीवास्तव फरार हो गया था और उसका परिवार सूरत में मौजूद नहीं था।  2018 में  जब उसकी प्रेमिका ने दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करने पर पकड़े गए विकास वर्ष 2015-16 में गोवा में रहता था इस हकीकत के चलते  डिंडोली पीआई सालुंके द्वारा की गई जांच में वह वहां होने की जानकारी मिली। डिंडोली पुलिस थाने के एएसआईग् चेतन वानखेडे, हेड कांस्टेबल मयूर ध्वजसिंह और कांस्टेबल संतोष पाटिल टूरिस्ट बनकर गोवा गए थे और विकास के बारे में जानकारी हासिल कर उस पर नजर रखी। उसे पणजी के तिस्तावाडी इलाके से पकडक़र सूरत लाया गया। पूछताछ में पता चला कि हत्या कर गोवा पहुंच गया और वहां हाईड्रा क्रेन ड्राइवर के तौरपर नौकरी करता था। विकास ने पुलिस से बचने के लिए माता-पिता को वतन भेज दिया और गोवा में परिवार के साथ रहने लगा और स्मार्ट फोन का उपयोग बंद कर दिया था।  
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