सूरत : शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कों की हालत खराब, सड़क से ज्यादा दिखाई दे रहे है गड्ढे

सूरत : शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कों की हालत खराब, सड़क से ज्यादा दिखाई दे रहे है गड्ढे

शहर के कोट और वराछा इलाके की हालत सबसे अधिक खराब, हर दिन 12 किलोमीटर सड़क का हो रहा है रिपेरींग

पिछले कुछ समय से दक्षिण गुजरात में काफी बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण सूरत में सड़कों की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। ऐसे में महापालिका के कार्य में काफी सवाल उठाए जा रहे है। सड़कों पर सड़क से अधिक तो गड्ढे दिखाई दे रहे है। ऐसे में सभी के मन में यही सवाल है की क्या इसी तरह सूरत नंबर 1 बनेगा।
सितंबर के पिछले 10 दिनों में सूरत में भारी बारिश हुई थी। इसके चलते शहर में से करीब 62 किलोमीटर की सड़क मानो गायब ही हो गई थी। लोगों को सड़क पर जाने के लिए गड्ढों के बीच सड़क ढूंढनी पड़े ऐसी नौबत आ चुकी थी। खास तौर पर शहर के कोट इलाके और वराछा इलाके की स्थिति सबसे अधिक बिगड़ गई थी। सेंट्रल जॉन के तो 35 किलोमीटर सड़क पर गड्ढे हो गए थे। 
इसके पहले साल 2016 में सूरत के सिटीलाईट इलाके में आये अणुव्रतद्वार पर आए ब्रिज की भी यही हालत हुई थी। 64 करोड़ के खर्च पर बने इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे तो दिखाई ही दे रहे थे। इसके अलावा जमीन में से सलियाँ भी बाहर आ गए थे। सड़कों की इतनी खराब हालत के चलते सूरत के नागरिकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सूरत महापालिका के कर्मचारियों के कान खींचे थे और पिछले तीन दिन से सड़कों की रिपेरींग करने का काम शुरू हुआ है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि इसमें भी तंत्र द्वारा मात्र दिखावे का ही काम किया जा रहा है।
तंत्र द्वारा हर दिन 12 किलोमीटर की सड़क का रिपेरींग काम कर रहे है। अब तक 1000 मेट्रिक टन डामर का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि डामर के कारण सड़क की सतह ऊपर-नीचे हो रही है और उसके कारण सड़क पर चलने वाले लोगों की परेशानी उतनी ही रही है।
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