कपड़ा बनाने की पूरी प्रक्रिया में 60 फीसदी वेल्यू एडिशन करें तो ही पीएलआई योजना का लाभ

कपड़ा बनाने की पूरी प्रक्रिया में 60 फीसदी वेल्यू एडिशन करें तो ही पीएलआई योजना का लाभ

सूरत के टेक्निकल टेक्सटाइल के इकाईयों को प्रोत्साहन देने वेल्यूएडिशन के नियमों राहत देने की मांग

कपड़ा उद्योग के राइजिंग सेक्टर टेकनिकल टेक्सटाइल और मेन मेड फाइबर को प्रोत्साहन देने के लिए 9 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 10,683 करोड़ की योजना प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेटिंव को मंजूरी दी गई है। जिसमें शामिल कपड़ा-यार्न के एचएसएनकोड की सूची जारी करने के साथ लाभ लेने के लिए नियम भी जारी किए है। जिसमें सूरत के उद्यमियों का लाभ लेने के लिए 30 से 60 फीसदी तक वेल्यूएडिशन करना पड़ेगा, जो अवरोध बन सकता है। वेल्यूएडिशन के दर के साथ सूरत के टेकनिकल टेक्सटाइल के उत्पादकों को प्रोत्साहन मिले इसलिए शर्त सरल करने और आयात यार्न पर ड्यूटी दूर करने की मांग स्थानीय संस्थाओं द्वारा की जा रही है।
टेक्सटाइल के लिए पीएलआई स्कीम का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। जिसमें एमएमफ एपरेल में 40, एमएमएफ फेब्रिक्स में 14 और टेकनिकल टेक्सटाइल के लिए जीओ, एग्री, मेडिकल, डिफेन्स सहित कुल 10 सेगमेंट उत्पादित होने वाले कपड़ा और यार्न को शामिल किया है। जिसमें ज्यादातर फेब्रिक्स सूरत और दक्षिण गुजरात में उत्पादित  हो रहा है। इस योजना के तहत 100 और 300 करोड़ का शुरूआती निवेश करके हर वर्ष बिक्री का टर्न ओवर 25 फीसदी बढ़ाने की शर्त पर क्रमश: 6 से 15 फीसदी तक सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। जो सूरत के उत्पादकों के लिए प्रोत्साहनजनक होने की बात उद्यमी कर रहे है। हालांकि, 25 सितंबर को जारी पीएलआई स्कीम के नोटिफिकेशन के मुताबिक स्टेन्ड अलोन प्रोडक्ट डेवलोपर्से 30 फीसदी और जबकि इन्टीग्रेटेड सेगमेंट के उत्पादक को 60 फीसदी तक का वेल्यूएडिशन करना होगा। यानि कि एमएमएफ और टेकनिकल टेक्सटाइल के समाविष्ट कुल 64 केटेगरी में से किसी भी एक चीज का उत्पादन करने वाले को 30 फीसदी जबकि यार्न से लेकर कपड़े तक का उत्पादन करने वाले कम्पोजिट और सेमी कम्पोजिट यूनिट को उसकी प्रोडक्ट पर 60 फीसदी का वेल्यूएडिशन करना पड़ेगा। सामान्य अर्थ में समझे तो 100 रूपये की चीज पर 30 से 60 रूपये तक का वेल्यूएडिशन करना पड़ेगा।
इस संदर्भ में स्थानीय अग्रणियों के मुताबिक 60 फीसदी तक का वेल्यूएडिशन करना उद्यमियों के लिए मुश्किल होता है। जिसके निवारण के लिए वेल्यूएडिशन के नियमों में बदलाव करने की मांग उठी है। साथ ही विदेश से आयात होने वाले टेकनिकल टेक्सटाइल के यार्न पर लगने वाली 7.5 फीसदी की ड्यूटी दूर हो तो टेकनिकल टेक्सटाइल का फेब्रिक्स बनाने वाले उद्यमियों को गति मिलेगी। दोनों मुद्दों पर उद्योग संगठनों ने पेशकश की है।
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