सूरत : मूर्तियों की बढ़ती कीमतों से फीका पड़ रहा है गणेशचतुर्थी का रंग

सूरत : मूर्तियों की बढ़ती कीमतों से फीका पड़ रहा है गणेशचतुर्थी का रंग

दो फीट की मूर्ति के लिए मूर्तिकार मांग रहे है 3.5 से 5 हजार रुपए

गणेशोत्सव के पर्व में अब चंद दिन बचे हैं। ऐसे में शहर के गणेश भक्तों ने रंगारंग उत्सव की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में श्रीगणेशजी की मूर्ति की कीमत सुनकर हर कोई हैरान हैं। आपको बता दें कि पिछले साल की तुलना में कोरोना के नियंत्रण में ढील दिए जाने से इस वर्ष भक्तों का उत्साह चरम पर पहुंच गया है।
इस बार दो फुट की श्रीजी प्रतिमा की कीमत लगभग 3,500 रुपये की सुनकर हजारों श्रद्धालुओं के होश उड़ गए हैं। ऐसे में भक्तों की आस्था और अंतिम समय का फायदा उठाया जा रहा है। इसको लेकर लोगों में नाराजगी है कि फायदे के लिए श्रीजी की प्रतिमाओं के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं।
आपको बता दें कि हर साल महाराष्ट्र और बंगाल सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मूर्तिकार सूरत आते हैं। हाल ही में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों को लेकर लोगों में दिख रहे विरोध के कारण मिट्टी की मूर्तियों की अच्छी खासी मांग देखी जा रही है। कोरोना के कारण पिछले साल गणेशोत्सव उत्सव में मात्र दो फुट की मिट्टी की प्रतिमाएं स्थापित करने के आदेश से त्यौहार का मज़ा किरकिरा हो गया था।
आपको बता दें कि पिछले साल की तुलना में कोरोना प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के कारण भक्त इस वर्ष पर्व के रंगारंग उत्सव को लेकर रोमांचित थे। हालांकि बमरोली रोड, लाल दरवाजा, वेडरोड, अदजान सहित क्षेत्र में वर्तमान में कार्यरत मूर्तिकारों के मंडपों में प्रतिमा की कीमत सुनकर श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ गई है।
जानकारी के मुताबिक बमरोली रोड पर फिलहाल एक फुट की श्रीजी प्रतिमा के लिए 1500 रुपये वसूले जा रहे हैं। सबसे छोटी मूर्ति की कीमत 1,500 रुपये से शुरू होती है।  दो फुट की प्रतिमा की कीमत 3500 से 5 हजार, तीन फुट की प्रतिमा की कीमत 05 हजार से 08 हजार और चार फुट की प्रतिमा की कीमत करीब 7 हजार से 10 हजार है।  एक ही आकार की दो मूर्तियों की कीमत में भी आसमानी अंतर है। इस प्रकार मनमाने ढंग से मूल्य वसूली उचित नहीं है।  इस वजह से बप्पा की भक्ति पर अधिक खर्च आएगा।
मूर्तिकार अब श्रीजी प्रतिमा की बढ़ी कीमतों के लिए  लाभ कर, मिट्टी और कारीगरों की लागत का हवाला दे रहे हैं।  मूर्तिकारों के अनुसार भूमि लगान में वृद्धि का सीधा प्रभाव मूर्ति की कीमत पर पड़ता है। इसके अलावा मिट्टी भी नहीं मिलती है। जबकि कारीगरों को इस साल कोरोना की वजह से देर हो गई थी। इस पर सूरत शहर गणेशोत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल बिस्किटवाला ने कहा कि मूर्तिकार श्रीजी प्रतिमा की कीमतों के खिलाफ किराए, मिट्टी और कारीगरों की शिकायत कर रहे हैं। हालांकि अगले साल समिति इन मूर्तिकारों को सरकार की कुटीर उद्योग योजना से जुड़ी सब्सिडी दिलाने की कोशिश करेगी। समिति ने इस वर्ष श्रद्धालुओं में जागरूकता के लिए 900 रुपये की कीमत में 14 इंच की मिट्टी की मूर्ति भी बांटी। मूर्ति के साथ एक कुंड भी दिया गया। इसमें श्रीजी के विसर्जित होने के बाद तुलसी का पौधा उगता है।