
यार्न उत्पादक स्पिनर्स की आयात यार्न पर ड्यूटी की मांग, वीवर्स खफा
By Loktej
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800 से ज्यादा आरपीएम पर लोकल यार्न टूट जाने की शिकायतें
आयात यार्न पर ड्यूटी की मांग को लेकर स्पीनिंग लॉबी कई बार पेशकश कर चुकी है। जिसके चलते वीवर्स ने एक ही कंपनी के विविध स्पीनिंग प्लांट की टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने के लिए केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री पियूष गोयल से गुहार लगाई है।
वीवर्स और स्पीनर्स के बीच आयात यार्न पर ड्यूटी को लेकर दोनों आमने-सामने आ चुके है। ऐसे में टेक्नोलाऊजी अपग्रेड कर चुके वीवर्से स्पीनिंग इकाईयों की मशीनरी अपग्रेड करने के लिए भी केंद्र पेशकश की है। शनिवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा कपड़ा मंत्री और रेल मंत्री दर्शना जरदोश के सम्मान में समारोह आयोजित किया गया था। तब फेडरेशन ऑफ आर्ट सिल्क वीविंग इंडस्ट्रीज के चेयरमेन भरत गांधी ने आयात यार्न पर ड्यूटी के सामने स्पीनिंग लॉबी द्वारा टेक्नोलॉजी अपग्रेड हो इसको लेकर मंत्रालय की ओर से सुझाव देने की मांग की थी।
वीविंग अग्रणी मयूर गोलवाला ने बताया कि गत कुछ सालों में वीविंग क्षेत्र में टेक्नोलॉजी तेजी से अपग्रेड हो रहा है। सबसे ज्यादा अपग्रेडेशन भी सूरत में हो रहा है। 800 से लेकर 1200 आरपीएम के मशीन सूरत में तैयार हो चुके है। पॉलिएस्टर में लोकल में तैयार होनेवाले यार्न की क्वॉलिटी बहुत अच्छी है, लेकिन अन्य फेब्रिक्स जैसे कि लिनन, नायलोन के लिए आयात यार्न पर ही निर्भर रहना पड़ता है। कुछ समय पहले कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया द्वारा भी एक स्पीनिंग मिल को दंडित किया गया था। इसलिए वीविंग केजैसे ही स्पीनिंग इंडस्ट्रीज भी अपग्रेडेशन करें इस दिशा में मंत्रालय और स्पीनर्स काम करें यह जरूरी है।
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