सूरत : गणेश उत्सव की मंजूरी नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश, इस प्रकार से किया विरोध

सूरत : गणेश उत्सव की मंजूरी नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश,  इस प्रकार से किया  विरोध

सूरत के गोलवाड क्षेत्र में बैनर लगे है की गणेश उत्सव और नवरात्रि उत्सव नहीं तो वोट नहीं, राजनैतिक रेलीया निकल सकती है तो गणेशजी की यात्रा क्यों नही निकल सकती

जन आशीर्वाद यात्रा को मंजुरी तो आशीर्वाद देनेवाले  गणेशजी की यात्रा पर रोक क्यों ? 
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल उत्सवों पर लगी रोक इस वर्ष भी जारी है। लेकिन राजनीतिक उत्सव बगैर किसी रोक टोक के जारी हैं। सरकार की इस दोहरी नीति को लेकर लोगों में आक्रोश है। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा का राज्यभर में आयोजन किया जा रहा है, जिसमें केन्द्र सरकार के मंत्री समेत नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं। लेकिन गणेश उत्सव की मंजूरी मांगने पर कोविड गाइडलाइन्स का बहाना कर मंजूरी देने से इंकार कर दिया जाता है। लोगों का सवाल है कि जब आर्शीवाद लेने वाले निकल सकते हैं, आर्शीवाद देने वाले पर रोक क्यों? सूरत में जहां गणेश उत्सव की मंजूरी नहीं मिली है, वहां लोगों ने सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ बैनर लगाकर आक्रोश व्यक्त किया है। बैनर लिखा है “आर्शीवाद लेने वालों की यात्रा निकल सकती है तो आर्शीवाद देने वाले गणेशजी की यात्रा क्यों नहीं निकल सकती|” बैनर में यह भी लिखा है कि “गणेश उत्सव और नवरात्रि उत्सव नहीं तो वोट नहीं|” लोगों का कहना है कि अपने प्रचार प्रसार के लिए नियमों का ताक रखने वाली सरकार सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाती हैं। ऐसी दोहरी नीति बर्दाश्त नहीं की जा सकती। जन आर्शीवाद यात्रा के दौरान नेता और कार्यकर्ता नियमों का पालन नहीं करते और पुलिस मूक दर्शक बनकर तमाशा देखती है। लेकिन सामान्य नागरिक को पुलिस नहीं बख्शती। मार्च महीने में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाजपा ने कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई थीं। लेकिन शादी या मृत्यु प्रसंग में 50 लोगों से अधिक लोगों को एकत्र नहीं होने दिया। 
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