सूरत : नई सिविल अस्पताल में भर्ती मरीज को लेकर सीएमओ-रेजिडेंट डॉक्टरों में विवाद

सूरत : नई सिविल अस्पताल में भर्ती मरीज को लेकर सीएमओ-रेजिडेंट डॉक्टरों में विवाद

डेढ़ घंटे तक वृद्ध मरीज उपचार के अभाव में तड़पता रहा

नई सिविल अस्पताल में मानसिक रूप से बीमार एक मरीज को चार रेजिडेंट डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर में छोड़ दिया, जिन्होंने एक चिकित्सा अधिकारी के साथ बदसलूकी की और पूरे अस्पताल को अपने सिर पर ले लिया। इन सबके बीच करीब डेढ़ घंटे तक मरीज ट्रोमा सेंटर में रहा। चिकित्सा अधिकारी तेजस चौहाण ने कहा कि सभी स्टाफ के सामने मनोश्चिकित्सीय विभाग के चारों रेजिडेंट डॉक्टर तू-तू, मैं-मैं पर उतर आये  पहुंचे। पता चला है कि उधना के मानसिक रोगी वृद्ध के इलाज को लेकर हुए झगडे के बाद मनोरोग विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों का चिकित्सा अधिकारी से झगड़ा हो गया था। सीएमओ तेजश चौहान ने कहा है कि वह चारों रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ सुपरिटेंडेंट और डीन से कानून के तहत शिकायत दर्ज कराएंगे। 
चिकित्सा अधिकारी डॉ. तेजस चौहाण ने कहा कि  "मैं रात की ड्यूटी पर था, तभी  राजूभाई महरूभाई ढोले नामक 52 वर्षीय मरीज को परिवार ने लाया था। घर में बवाल व मारपीट की शिकायत पर मरीज को सिविल ट्रॉमा सेंटर लाया गया। मरीज की प्रारंभिक जांच में वह मानसिक रूप से बीमार लग रहा था। मैंने तुरंत मरीज को मनोरोग वार्ड में रेफर कर दिया और रेजिडेंट डॉक्टर को सूचना दी। तब मनोश्चिकित्सीय विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर ट्रॉमा सेंटर गए और कहा कि ऐसे मरीज हमारे विभाग के नहीं है, मेडिसीन अथवा सर्जरी विभाग में भर्ती  किया जाना चाहिए, ऐसा कहकर चले गये। 
उन्होंने आगे कहा कि मरीज बिना इलाज के करीब डेढ़ घंटे तक ट्रॉमा सेंटर में रहा, जिससे नियमानुसार उसे मनोरोग वार्ड में भर्ती कर इंडोर केस पेपर के साथ वार्ड में भेज दिया गया। चंद मिनट बाद ही चार रेजिडेंट डॉक्टर मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और कहा कि यह हमारा मरीज नहीं है, इमरजेंसी नहीं चाहिए, मरीज को कुछ भी हो जाए तो हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है।'' इतना ही नहीं, तेज आवाज में मेरे साथ बदसलूकी की जिससे सुरक्षाकर्मी भी आ गये। 
उन्होंने आगे कहा कि मैंने मामले की सूचना आरएमओ से लेकर सभी वरिष्ठ सीएमओ को दी और फिर मरीज को मेडिसीन विभाग में भर्ती कराया। मैं  इस संबंध में लिखित शिकायत दर्ज कराऊंगा। सर्कुलर के अनुसार एक मरीज को डेढ़ घंटे के बाद दाखिल कराने की सत्ता होने के बावजूद रेजिडेंट डॉक्टर मरीज भर्ती  होने के बाद चिकित्सा अधिकारी के साथ इस तरह वर्तन करें यह नहीं चलेगा। 
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