सूरत : सिविल अस्पताल में हड़ताल से आधी रात को बिना इलाज के भटके गर्भवती महिला समेत कई मरीज

सूरत : सिविल अस्पताल में हड़ताल से आधी रात को बिना इलाज के भटके गर्भवती महिला समेत कई मरीज

इंटर्न डॉक्टरों पर महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा : सुपरिटेंडेंट

कोविड काल में की कार्यवाही को बॉन्डेड योजना के तहत दोगुना लाभ देने सहित की मांगों को लेकर हड़ताल पर गए नई सिविल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर लगातार तीसरे दिन भी कार्य से नदारद रहे। जिससे पूरे दक्षिण गुजरात से आए मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं। हड़ताल से लोगों की जान को खतरा होने के मामले भी सामने आए हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों को समझाने की तमाम कोशिशों के बाद भी सिविल सुपरिटेंडेंट ने हड़ताल खत्म नहीं होने पर एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से नई सिविल अस्पताल की व्यवस्था चरमरा रही है। इसका असर देखने को मिल रहा है।  आधी रात को डॉक्टरों की अनुपस्थिति में कुल 6 आपातकालीन रोगियों को एक के बाद एक स्मीमेर के लिए रेफर किया गया। बाहर से डॉक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ को बुलाने की बारी सिविल अधिकारियों की है। अधीक्षक डॉ. गणेश ने कहा कि 26 चिकित्सा अधिकारियों और 28 ट्यूटर्स को तत्काल आधार पर बाहर से बुलाया गया है।
जबकि सर्जन विभाग के 42 डॉक्टरों को भी अलग-अलग नियुक्तियां दी गई हैं। 9 असिस्टेंट प्रोफेसर को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके बाद सिविल सुपरिटेंडेंट ने सुबह की बैठक में कहा कि उन्होंने टीबी विभाग के डॉक्टरों को कोविड अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है।
वलसाड सिविल से मंगू मोहन को फेफड़ों से संबंधित इलाज के लिए सूरत सिविल में स्थानांतरित कर दिया गया। ऑक्सीजन पर सांस ले रहे मंगू को लेकर उनका परिवार इधर-उधर भटक रहा था। हालांकि, सिविल स्टाफ ने उन्हें रात 11.20 बजे स्मीमेर जाने के लिए कहा। मंगू के रिश्तेदार ने कहा कि एम्बूलेंस की भी व्यवस्था नहीं होने से ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ रिक्शा में स्मीमेर ले जाया गया। हालांकि स्मीमेर में भी हड़ताल के चलते परिजन निराश होकर वापस सिविल अस्पताल पहुंचे।
दुर्घटना में मस्तिष्क की गंभीर चोट के साथ स्मीमेर पहुंचे मरीज को सिविल रेफर कर दिया गया। एक मरीज को खुले घाव के इलाज के लिए भटकते देख सिविल अधिकारी भी हैरान रह गए।
मरीजों की रिक्शा की सेवा देने वाले ने कहा कि देर रात सिविल अस्पताल आई गर्भवती महिला को अंतिम समय में दर्द के साथ प्रसूति वार्ड में भेज दिया गया। हालांकि, जरूरी इलाज के अभाव में वह प्रसव पीड़ा से जूझ रही थी। गर्भवती महिला की लाचारी देखकर भी स्टाफ के कठोर दिल नहीं पिघले। बाद में उसे स्मीमेर लेने जाने के लिए कहा गया ।
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