सूरत : कांग्रेस द्वारा गुजरात में रुपाणी सरकार के पांच साल के जश्न का राज्यव्यापी विरोध

सूरत : कांग्रेस द्वारा गुजरात में रुपाणी सरकार के पांच साल के जश्न का राज्यव्यापी विरोध

सूरत कांग्रेस द्वारा राज्य की रूपाणी सरकारी की पांच सालों की विफलताओं को प्रजा के समक्ष ले जाने के लिए एक सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जायेगे।

राज्य सरकार ने खजाना खाली कर देने का कांग्रेसियों ने आरोप लगाया
सूरत में कांग्रेस ने राज्य सरकार की 5 साल की सफलता दर्शानेवाले कार्यक्रमों का विरोध करते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार राज्स का सरकारी खजाना खाली हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष नैषध देसाई ने कहा कि आज से नौ दिनों तक अलग-अलग अभियान चलाकर सरकार की नाकामी के बारे में कांग्रेस लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश करेगी। साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार की विफलता को लेकर विरोध जतायेंगे।
नैषध देसाई (कांग्रेस, सूरत शहर अध्यक्ष) ने गुजरात सरकार के पांच सालों की विफलताओं के बारे में कहा कि लाखो की संख्या में लोग पिछले दो वर्षों में मरे है। कोरोना में महामारी से इलाज के दौरान होने वाली 99 फीसदी मौतों की गिनती न कर सरकार ने लोगों के साथ अन्याय किया है। केवल 25 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हुआ है। सरकारी पैसे का उपयोग प्रचार प्रसार के लिए किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान के तहत धरना देकर लोगों को जागरूक किया जायेगा। 
शिक्षा बचाव अभियान में सरकार ग्रांट से चलाए जा रहे कॉलेजों को तबाह करने की साजिश का पर्दाफाश कर शिक्षा को धंधा बनाने वालों के खिलाफ कांग्रेस अभियान चलाएंगी। 110 साल पहले सार्वजनिक सोसायटी को दान दी गई जमीन के पीछे का मुख्य उद्देश्य गरीबों को शिक्षित करना था। आज वही जमीन आत्मनिर्भर महाविद्यालयों को दी जाती है इसलिए अब वहा अमीरों के बच्चे ही शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और गरीबों के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
100 करोड़ रुपये के सरकारी राशन का भ्रष्टाचार  सामने आने के बाद भूखों की खाद्य नीति के खिलाफ खाद्य अभियान चलाकर कांग्रेस लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास करेंगी। महिलाओं के शोषण में गुजरात का देश में छठा स्थान होना उसी सरकार की सफलता को दर्शाता है। हर साल तीन करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी राज के आठ साल में 14 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। 90 प्रतिशत सरकारी कार्यालयों में रिक्तियां खाली हैं लेकिन भरी नहीं गई हैं  जिसका सरकार जवाब दे। सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात सरकार का 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज आज 18 लाख करोड़ रुपये हो गया है। कहा जा सकता है कि भाजपा की कर्ज आधारित विकास की परिभाषा ने लोगों को कर्जदार बना दिया है।
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