सूरत : शहर की लाइफ लाइन समान टेक्सटाइल मार्केट की सुंदरता से अंतर्राष्ट्रीय पहचान की चमक और निखरेगी

सूरत  :  शहर की लाइफ लाइन समान टेक्सटाइल मार्केट की सुंदरता से अंतर्राष्ट्रीय पहचान की चमक और निखरेगी

साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने मेयर, स्थायी समिति अध्यक्ष एवं मनपा आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा 
 साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिध मंडल शुक्रवार 23 जुलाई 2021 को शाम 5.30 बजे सूरत के स्थायी समिति के अध्यक्ष  परेश पटेल, मेयर श्रीमती हेमाली बेन बोघावाला एवं मनपा  कमिश्नर  बंछानिधि पाणि से मिला और सूरत टेक्सटाइल मार्केट विस्तार की विभिन्न समस्याओं और सौंदर्यीकरण के लिए निम्नलिखित ज्ञापन सौंपा।  प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष सुनील कुमार जैन, बोर्ड चेयरमैन सांवर प्रसाद बुधिया, उपाध्यक्ष अरविंद वैद, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन के अलावा संतोष माख़रिया और नीरज अग्रवाल उपस्थित रहें। 
साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में रिंग रोड बड़ी पार्किंग स्थल बनाने,  कमेला दरवाजा के पास से कत्लखाना दूर करने,  मार्केट क्षेत्र में फूड जोन की व्यवस्था करने तथा लेडिज टायलेट, खेफेटेरिया, लाइब्रेरी, मेडिकल फेसिलिटी तथा सौंदर्यीकरण करने की मांग की है।  
सूरत का टेक्सटाइल व्यापार अपनी अलग पहचान से देश-विदेश में अपनी ख्याति अर्जित करने में सफल रहा है। साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन यहां के व्यापार और इससे जुड़ी समस्याओं को लेकर सक्रिय रहने वाला संगठन है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सूरत महानगर पालिका की ओर से मार्केट की समस्याओं को लेकर कई प्रयास किए गए हैं, जिसके कारण कुछ हद तक समस्याएं भी कम हुई हैं, इसके बावजूद कई परेशानियाँ अभी तक कायम हैं। इन समस्याओं की ओर हम आपका ध्यान आकर्षित करते हुए इनको दूर करवाने की उम्मीद रखते हैं कि महानगर पालिका इस ओर सकारात्मक प्रयास करेगी । 
 रिंग रोड और इसके आसपास के करीब दो किलोमीटर क्षेत्रफल में रोजाना हजारों की संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। इन वाहनों की पार्किंग के लिए सभी मार्केट में छोटी-बड़ी पार्किंग हैं , लेकिन ये नाकाफी हैं। मार्केट क्षेत्र में मल्टीलेवल पार्किंग और रिंग रोड फ्लाइओवर के नीचे पार्किंग व्यवस्था भी इस समस्या को दूर नहीं कर पा रही है। इसलिए यह जरूरी है कि रिंग रोड के समीप ही कोई खाली प्लॉट या किसी अन्य व्यवस्था के जरिए बड़ी पार्किंग स्थल तैयार किया जाए जिससे समस्या का हल हो।
  कमेला दरवाजा कत्लखाना : अंतर्राष्ट्रीय पहचान वाले कपड़ा बाजार के मुहाने पर कत्लखाने जैसी चीजों से इसकी शोभा पर धब्बा लगता है। करीब तीन-चार दशक पूर्व जब कपड़ा बाजार का विस्तार इतना व्यापक नहीं था, शहर की आबादी भी अधिक फैली हुई नहीं थी, तब तक शहर के बाहर में इस प्रकार का कत्लखाना हो सकता था, लेकिन अब जब शहर की आबादी करीब 25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैल चुकी है, शहर के इनर रिंग रोड के पास कत्लखाना जैसी व्यवस्था उचित नहीं है। इसी क्षेत्र में रोजाना देश-विदेश के व्यापारी भी पहुंचते हैं, निवेदन है कि इस कत्लखाने को शहर से बाहर ले जाकर इस जगह का उपयोग कपड़ा बाजार की जरूरतों के मुताबिक उपयोग में लिया जाए।  
  फूड जोन की व्यवस्था : कपड़ा बाजार जब अपनी रवानी पर रहता है तब करीब पांच लाख से अधिक लोगों की रोजाना आवाजाही होती है। इनलोगों के लिए फूड जोन जैसी जरूरत आज तक पूरी नहीं की गई है। लोग स्ट्रीट फूड या फिर मार्केट की सीमित कैंटिन पर निर्भर हैं । मनपा की ओर से रिंग रोड फ्लाइओवर या इसके आसपास कोई बड़ा फूड जोन बनाया जाता है, तो मार्केट विस्तार में गंदगी फैलने से रोकने के साथ दूसरी दिक्कतें भी दूर होंगी। लोगों को हाइजेनिक फूड उपलब्ध हो पाएगा।साथ ही फुटपाथ पर लगने वाले लारी गल्ले से भी छुटकारा मिलेगा l
 लेडिज टॉयलेट : कपड़ा मार्केट में हजारों की संख्या में महिला कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं बाहर की मंडियों से भी बड़ी संख्या में महिलाएं खरीदी के लिए आती हैं। महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नाकाफी है। मार्केट के दो किलोमीटर एरिया में जरूरत के अनुसार लेडिज टॉयलेट की व्यवस्था नितांत जरूरी है।  
 कैफेटेरिया : कपड़ा बाजार में जहां देश-विदेश के खरीदार व अन्य लोग आते हैं, कैफेटेरिया या अन्य जरूरी चीजों की कमी खलती है। व्यापारिक चर्चा के लिए लोगों को होटलों या महंगे रेस्तरां पर निर्भर होता है। पांच-दस मिनट बैठकर चर्चा  या छोटी मीटिंग के लिए कैफेटेरिया जैसी चीजें आज सूरत कपड़ा बाजार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 
  लाइब्रेरी : दशकों पुराने कपड़ा बाजार के इतिहास को बताती पुस्तकों के संग्रह स्थल के लिए मार्केट विस्तार में लाइब्रेरी आदि की जरूरत है। यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी के अलावा देश विदेश के व्यापारी भी यहां आकर इसका लाभ ले सकते हैं। नई प्रतिभा को टेक्सटाइल से जोड़ने  का यह अच्छा प्रयास होगा। सूरत के टेक्सटाइल उद्योग के इतिहास, विकास से जुड़ी संग्रहनीय चीजें, पुस्तकें आदि भी इस लाइब्रेरी में उपलब्ध करा कर इसकी उपयोगिता बढ़ाई जा सकती है। हालांकि इस संबंध में सूरत के साइंस सेंटर में अच्छा संग्रह है, लेकिन वह टेक्सटाइल बाजार से दूर होने के कारण उसकी उपयोगिता सीमित है।  
  मेडिकल फैसिलिटी : इतने बड़े कपड़ा बाजार में अक्सर छोटी-बड़ी घटना-दुर्घटना होती रहती है, इसके लिए यहां मेडिकल फैसिलिटी की जरूरत है। जिससे किसी भी आकस्मिक घटना में मरीज को तत्काल प्राथमिक चिकित्सका की सुविधा दी जा सके। यह व्यवस्था सालासर हनुमान द्वार के अंदर समेत मोटी बेगमबाड़ी यानी रिंग रोड के दोनों ओर कपड़ा बाजार के लिए अलग-अलग होने की जरूरत है, जिससे लोगों को तत्काल मेडिकल फैसिलिटी मिल सके।  
 सौंदर्यीकरण : शहर की शान और प्रतिष्ठा के रूप में स्थापित कपड़ा बाजार के सौंदर्यीकरण की मांग पिछले कुछ वर्षों से की जा रही है। इसकी बड़ी वजह है कि देश-विदेश के हजारों लोग रोजाना सूरत कपड़ा बाजार पहुंचते हैं। एक ओर सूरत शहर को फ्लाइओवर और सिटी ऑफ ब्रिजेज कहा जाता है, दूसरी ओर कपड़ा बाजार में आने के साथ ही भारी ट्रैफिक वाली व्यवस्था की तस्वीर उभरती है। सूरत नंबरवन शहर बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, यदि सिर्फ कपड़ा बाजार का सौंदर्यीकरण कर दिया जाए तो इसकी ब्रांडिंग यहां आने वाले देश विदेश के व्यापारियों की वजह से वहां तक पहुंच सकती है। शहर की इस लाइफ लाइन की सुंदरता से हमारी अंतर्राष्ट्रीय पहचान की चमक और निखरेगी। इसके लिए पर्यावरण समेत फुटपाथ और अन्य आवाजाही के रास्तों को रोशनी आदि से सजा कर सौंदर्यीकरण करने की जरूरत है। साथ ही सूरत के दर्शनीय स्थलों का विवरण के साथ बोर्ड और कपड़ा बाजार के इतिहास-विकास से जुड़ी झांकी भी यहां लगाने से लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा। हम आशा करते हैं कि शहर हित में हमारी मांगों पर महानगर पालिका सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए जरूरी कदम उठाएगी।
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