सूरत में ‘ई-कॉमर्स कॉन्क्लेव 2025’ का भव्य आयोजन: डिजिटल व्यापार के भविष्य पर हुई गहन चर्चा

एसजीसीसीआई और जीजेईपीसी की संयुक्त पहल पर विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव, ई-कॉमर्स में रत्न और आभूषण उद्योग के अवसरों पर विशेष फोकस

सूरत में ‘ई-कॉमर्स कॉन्क्लेव 2025’ का भव्य आयोजन: डिजिटल व्यापार के भविष्य पर हुई गहन चर्चा

सूरत : दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) और जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) की संयुक्त पहल पर ‘ई-कॉमर्स के भविष्य को अनलॉक करें’ विषय पर आधारित ‘ई-कॉमर्स कॉन्क्लेव – 2025 का आयोजन सूरत में किया गया।

इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने ई-कॉमर्स उद्यमियों को डिजिटल व्यापार की नई संभावनाओं और वैश्विक बाज़ार में प्रतिस्पर्धा के लिए जरूरी रणनीतियों से अवगत कराया।

सम्मेलन के मुख्य वक्ताओं में डीएचएल के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर तेज देसाई और ईबे की श्रेणी लीडर नेहा केजरीवाल शामिल रहे। दोनों ने ई-कॉमर्स के माध्यम से वैश्विक व्यापार को सरल और सुलभ बनाने के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के नवनिर्वाचित अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2024 तक ₹10.82 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है और 2030 तक इसके ₹29.88 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने डिजिटल भुगतान और इंटरनेट की पहुंच में तेजी को इस प्रगति का प्रमुख कारण बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें ऐसा इकोसिस्टम बनाना होगा, जिसमें छोटे व्यवसायों से लेकर बड़े ब्रांड्स तक सभी डिजिटल व्यापार का लाभ उठा सकें।

तेज देसाई ने ई-कॉमर्स उद्यमियों को डीएचएल की सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे भारत से 40 देशों तक रत्न एवं आभूषण समेत कई उत्पादों की कूरियर और कार्गो सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनकी कंपनी डोर-टू-डोर और वन-स्टॉप समाधान उपलब्ध कराती है जिससे व्यापारियों को अलग से एजेंट रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती। डीएचएल सीमा शुल्क निकासी शुल्क नहीं लेती और छह प्रकार की डिलीवरी-संबंधी मूल्यवर्धित सेवाएं प्रदान करती है।

नेहा केजरीवाल ने बताया कि ईबे पर 132 मिलियन सक्रिय खरीदार हैं और उनके प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले उद्यमियों के उत्पाद 190 देशों में दिखाई देते हैं। उन्होंने रत्न और आभूषणों की अंतरराष्ट्रीय मांग, प्रामाणिकता की आवश्यकता और जीआईएस प्रमाणन जैसी सेवाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि $500 से $2500 तक के आभूषणों की प्रमाणित जांच की जाती है, जिससे खरीदारों को भरोसे के साथ खरीदारी करने का अवसर मिलता है।

कार्यक्रम के अंत में चैंबर के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने सभी उपस्थितों का आभार व्यक्त किया। आयोजन में पूर्व अध्यक्ष रमेश वघासिया, मानद मंत्री नीरव मंडलेवाला, मानद कोषाध्यक्ष मृणाल शुक्ला सहित सूरत के कई ई-कॉमर्स उद्यमी, निर्यातक और पेशेवर उपस्थित रहे।

सम्मेलन का संचालन संदीप कथीरिया ने किया और वक्ताओं का परिचय हिरेन लाठिया तथा जीजेईपीसी के सहायक निदेशक रजत वानी ने दिया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने विशेषज्ञों से प्रश्न पूछे, जिनके संतोषजनक उत्तर देकर सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।