सूरत : दूध के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर सालाना 720 करोड़ रुपए का बोझ : दर्शन नायक

सूरत  :  दूध के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर सालाना 720  करोड़ रुपए का बोझ : दर्शन नायक

दुध के दामों में नगण्य वृध्दि की बात सरकार कर रही है मगर यह दैनिक २ करोड, महिने का ६० करोड और सालाना ७२० करोड से अधिक की भाववृध्दि है।

पशुपालकों तथा किसानों को एक रुपए का भी फायदा नहीं : कांग्रेस कमेटी
कोरोना में वैश्विक महामारी के बीच भाजपा की सरकार ने दुध के दाम बढ़ाने के साथ एक तरफ लोगों को लूट रही है लेकिन दूसरी तरफ चरवाहों और किसानों को मूल्य वृद्धि का कोई लाभ नहीं दे रही है। 
सूरत शहर और जिला कांग्रेस कमेटी तथा किसान अग्रणी दर्शन नायक ने जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में गुजरात में दूध के दाम में 2 रूपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है, जिसका मतलब गुजरात के मासिक बजट पर रूपये 60 करोड़ और इसके वार्षिक बजट पर रूपये 720 करोड़ का बोझ है। लेकिन चरवाहों को इस मूल्य वृद्धि का कोई लाभ नहीं दिया गया है। 
गुजरात में प्रतिदिन 60 लाख लीटर अमूल दूध और 40 लाख लीटर खुदरा दूध बिकता है।अमूल की बढ़ती कीमतों ने अन्य दूध व्यापारियों की कीमतों में भी वृद्धि की है। यानी 1 करोड़ लीटर दूध की दैनिक बिक्री पर  2 रूपये का बोझ मतलब  2 करोड़ का दैनिक वृद्धि । यह राशि रूपये 60 करोड प्रति माह और रूपये 720 करोड प्रति वर्ष से अधिक है। दूसरे शब्दों में, दूध की कीमतों में वृद्धि जिसे राज्य भाजपा सरकार नगण्य बता रही है वह सालाना 720 करोड़ की लूट है। दूसरे शब्दों में कहें तो पेट्रोल, डीजल, एलपीजी सिलेंडर के बाद भाजपा सरकार निर्दयी हो गई है और लोगों को दूध के दाम बढाकर जला रही है।  
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