सूरतः नई सिविल अस्पताल परिसर को 'संक्रमण मुक्त' रखने में नोडल अधिकारी डॉ. गीता वाघेला की भूमिका सराहनीय

सूरतः नई सिविल अस्पताल परिसर को  'संक्रमण मुक्त' रखने में नोडल अधिकारी डॉ. गीता वाघेला की भूमिका सराहनीय

पहली लहर में कोरोना ग्रस्त हुए, लेकिन ठीक होकर फिर से ड्युटी पर तैनात होकर कर्म को प्राथमिकता दी

हेल्थ एवं  हाइजीन की जिम्मेदारी संक्रमण नियंत्रण टीम ने कुशलता पूर्वक निभाई 
नई सिविल अस्पताल के कोविड, नान कोविड मरीजों, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों की देखभाल के लिए राउंड द क्लाक ड्युटी निभाने वाली इंफेक्शन कंट्रोल टीम की 58 वर्षीय नोडल अधिकारी डॉ. गीता वाघेला के कुशल नेतृत्व में प्रदान की रही है।  वह ड्यूटी के दौरान पहली लहर में कोरोनाग्रस्त हुई थी,  लेकिन स्वस्थ होकर पुनः ड्युटी पर तैनात होकर कर्म को प्रधानता दी। साथ ही आज तक इंफेक्सन कंट्रोल की जवाबदारी बखूबी न्याय दे रही है। 
   सिविल अस्पताल से संबद्ध समस्त स्टाफ के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिए जिम्मेदार डॉ. गीता वाघेला मेहसाणा जिले के सिद्धपुर तालुका के उनावा गाँव की मूल निवासी हैं, और 1992 से  से सूरत के सिविल अस्पताल में काम कर रही हैं। कोरोना की पहली लहर से नई सिविल में संक्रमण नियंत्रण के नोडल अधिकारी के रूप में कार्यरत है। वह माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वीआरडीएल-वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी के सहायक प्रधान अन्वेषक की भी जवाबदारी निभा रही है। 
  डॉ. गीताबेन ने कहा कि न्यू सिविल के कोविड वार्ड में मरीजों और चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी उपकरणों को निर्धारित रसायनों के साथ-साथ स्वच्छता निरीक्षकों को अपने साथ रखने के अलावा उन्हें इस बात से अवगत कराया जाता है कि  प्रत्येक कर्मचारी पीपीई किट ठीक से पहन रहे है। अस्पताल में ड्यूटी के दौरान, रोगी देखभाल, उचित निगरानी और सफाईकर्मियों द्वारा बायोमेडिकल कचरे के उचित निपटान का मार्गदर्शन संबंधित जिम्मेदारी निभा रही है। 
   उन्होंने कहा कि हमारी संक्रमण नियंत्रण टीम द्वारा न केवल कोविड बल्कि गैर-कोविड रोगियों की देखभाल करने, वार्ड की उचित सफाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रत्येक वार्ड में बेडशीट को नियमित रूप से बदलने का विशेष ध्यान रखा जाता है। रोजाना सुबह नौ बजे होने वाली कोर कमेटी की बैठक में इस कार्य की समीक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान पहली लहर में नवंबर माह में कोरोना ग्रस्त हुई थी, 15 दिनों के आइशोलेशन  और उपचार के बाद स्वस्थ हो गई। 
  डॉ. गीताबेन का कहना है कि कोविड अस्पताल में इस्तेमाल होने वाले सभी चिकित्सा उपकरणों को 0.5 स्प्रे के हाइपरक्लोराइड घोल से सैनिटाइज किया जाता है ताकि उन्हें वायरस, बैक्टीरिया और अन्य से मुक्त रखा जा सके ताकि वे संक्रमित न हों। किडनी, स्टेम सेल, पुराने भवन में स्थित कोविड अस्पताल के सभी फर्शों के साथ-साथ संसाधनों को भी विशेष रूप से सैनिटाइज किया जाता है। मैं हर दिन संक्रमण टीम के साथ अलग-अलग जगहों पर चक्कर लगाती हूं ताकि सेनेटाइज ठीक से हो सके। इस कार्यवाही की सफलता में संक्रमण नियंत्रण टीम के सभी सदस्यों का सहयोग और योगदान सराहनीय रहा है।
  पति डॉ मुकेशभाई और बेटी पलाशी के साथ एक छोटे से परिवार के साथ  रहने वाली डॉ. गीताबेन ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सिविल कैंपस को संक्रमण मुक्त रखने में अहम भूमिका निभाई है। 
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