सूरत में आयोजित जीएसटी कॉन्क्लेव 2025 में उद्योगपतियों को मिला स्पष्ट मार्गदर्शन
एसजीसीसीआई द्वारा आयोजित सम्मेलन में विशेषज्ञों ने जीएसटी की जटिलताओं, कानूनी चुनौतियों और समाधान पर की विस्तृत चर्चा
सूरत: दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा जीएसटी कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया गया, जिसमें टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े व्यापारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कंसल्टेंट्स और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग जगत को जीएसटी अनुपालन, प्रक्रियाओं की स्पष्टता और हालिया न्यायिक निर्णयों के संदर्भ में अद्यतन और व्यावहारिक जानकारी देना था।
कॉन्क्लेव में गुजरात हाईकोर्ट के प्रैक्टिशनर सीए एडवोकेट हिरेन त्रिवेदी ने कपड़ा उद्योग के लिए जीएसटी अनुपालन की चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विभाग द्वारा पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया, बिना सूचना के स्पॉट विजिट और नोटिस के देर से मिलने जैसी समस्याओं को उजागर करते हुए कहा कि इनसे करदाताओं को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है।
देसाई लीगल के संस्थापक सीए एडवोकेट अभय देसाई ने हाल ही में आए न्यायिक निर्णयों और उनके प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन निर्णयों का कपड़ा उद्योग सहित अन्य व्यवसायों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है और भविष्य में किन बातों का ध्यान रखना होगा।
निखिल मद्रासी (अध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स) ने कहा “जीएसटी में आए दिन बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में उद्योगपतियों को समय पर सटीक जानकारी और स्पष्टता देना हमारी जिम्मेदारी है। कॉन्क्लेव इसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है।”
के. सी. संपत (आईएएस, एमडी – इंडेक्सबी, गुजरात सरकार) ने कहा “सरकार की मंशा हमेशा उद्योगों को सरल और पारदर्शी नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराने की रही है। ऐसे मंच उद्योग और शासन के बीच संवाद का सेतु बनते हैं।”
अशोक जीरावाला (उपाध्यक्ष, चैंबर) ने कहा “उद्योगों को कानूनी और कर संबंधी मामलों में सरलता मिले, यह कॉन्क्लेव का मूल उद्देश्य है।”
मितेश मोदी (मानद कोषाध्यक्ष, चैंबर): ने कहा “जीएसटी में निरंतर अध्ययन और समझ आवश्यक है। इसी समझ को मजबूत करने हेतु यह आयोजन किया गया है।”
कॉन्क्लेव के अंतर्गत "जीएसटी का सरलीकरण: विकास के लिए अनुपालन एवं स्पष्टता को जोड़ना" विषय पर पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें सीए अविनाश पोद्दार, एडवोकेट रोहन देसाई, सीए मुकुंद चौहान ने भाग लिया।
चर्चा में जीएसटी की प्रक्रियाओं, कपड़ा उद्योग से जुड़ी समस्याएं, पोर्टल संबंधी कठिनाइयों, कानूनी दुविधाएं और उनके व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए गए।
पैनल का संचालन सीए राजेश भाऊवाला ने किया, जबकि जीएसटी कमेटी के दीपेश शकवाला ने आयोजन संचालन का कार्य संभाला।
इस कॉन्क्लेव में पूर्व अध्यक्ष सीए पीएम शाह, मानद मंत्री बिजल जरीवाला, ग्रुप चेयरमैन सीए हार्दिक शाह, सूरत के अग्रणी उद्यमी, कपड़ा उद्योग से जुड़े प्रमुख कारोबारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और अन्य प्रोफेशनल्स बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कॉन्क्लेव में उपस्थित विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान करते हुए जीएसटी के व्यावहारिक पहलुओं को सरल भाषा में समझाया। इस आयोजन ने व्यापारिक समुदाय को न केवल कर अनुपालन में मदद की, बल्कि नवीनतम नीतियों और न्यायिक रुझानों से अवगत कराते हुए नीति निर्माताओं और उद्योग के बीच एक मजबूत संवाद का वातावरण भी तैयार किया।