सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स उद्यमियों के लिए शुरू करेगा परामर्श केंद्र
निर्यात-आयात, MSME, स्टार्टअप, ऋण-सब्सिडी सहित कपड़ा और हीरा क्षेत्र के विशेषज्ञ देंगे निःशुल्क मार्गदर्शन
सूरत । दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) उद्योग और व्यवसाय से जुड़े छोटे व मझोले उद्यमियों तथा पेशेवरों की सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। चैंबर 16 जुलाई, 2025 को शाम 5:00 बजे से अपने नानपुरा स्थित कार्यालय 'समृद्धि' में एक परामर्श केंद्र शुरू करेगा। इस केंद्र का उद्देश्य उद्यमियों की छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान करना और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करना है।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने बताया कि यह नया उपक्रम उद्योग के सर्वांगीण विकास के लिए चैंबर की निरंतर पहल का हिस्सा है। उन्होंने जानकारी दी कि इस परामर्श केंद्र के तहत विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ निःशुल्क मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इनमें विशेष रूप से निर्यात-आयात, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), स्टार्टअप, राजस्व संबंधी मुद्दे, तथा ऋण और सब्सिडी योजनाओं के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, कपड़ा और हीरा क्लीनिक जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी।
मद्रासी ने कहा कि चैंबर का मुख्य उद्देश्य इस परामर्श केंद्र के माध्यम से उद्योगपतियों को उचित मार्गदर्शन, जानकारी और नीतिगत समझ प्रदान करना है, ताकि वे अपने उद्योग में और प्रगति कर सकें। यह केंद्र छोटे व्यापारियों, नए उद्योग शुरू करने वाले स्टार्टअप संस्थापकों और नीतिगत मार्गदर्शन की आवश्यकता वाले सभी लोगों के लिए एक मंच प्रदान करेगा। चैंबर ने आशा व्यक्त की है कि यह नई पहल सूरत और पूरे दक्षिण गुजरात के औद्योगिक विकास को और गति प्रदान करेगी।
परामर्श केंद्र में उद्यमियों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ मार्गदर्शन मिलेगा।निर्यात-आयात के लिए अमित मुलानी, MSME के संबंध में सीए मनीष बजरंग, स्टार्टअप के बारे में सीए मयंक देसाई, राजस्व (रेवेन्यू) के बारे में एडवोकेट अजय मेहता और ऋण और सब्सिडी को लेकर सीए राजीव कपासियावाला से मार्गदर्शन मिलेगा।
इसके अलावा, सूरत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों, जैसे टेक्सटाइल और हीरा के लिए विशेष क्लिनिक सहायता आयोजित की जाएगी। इन क्लीनिकों में उद्योग विशेषज्ञ उद्यमियों को स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। स्टार्टअप और युवाओं के लिए व्यवसाय मॉडल, पंजीकरण, ऋण, और तकनीकी सहायता पर मार्गदर्शन उपलब्ध होगा। विशेषज्ञ ऋण या सब्सिडी के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों, आवेदन प्रक्रिया आदि को समझने में भी सहायता प्रदान करेंगे।
यह परामर्श केंद्र विभिन्न सरकारी विभागों, बैंकों और औद्योगिक संघों के साथ समन्वय स्थापित कर उद्योगपतियों को आवश्यक जानकारी भी मुहैया कराएगा। साथ ही, समय-समय पर विभिन्न विषयों पर अल्पकालिक प्रशिक्षण या कार्यशालाओं का आयोजन कर उद्योगपतियों को विस्तृत जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।