इस आप नेता ने मानवता का दिया अनोखा उदाहरण, भरी पिता और चाचा की छत्रछाया खो चुके बालकों की फीस

इस आप नेता ने मानवता का दिया अनोखा उदाहरण, भरी पिता और चाचा की छत्रछाया खो चुके बालकों की फीस

पिता और चाचा की हो चुकी थी कोरोना महामारी के दौरान मौत, आप नेता से मांगी थी मदद

कोरोना काल में सूरत समेत पूरे राज्य में कई लोगों ने अपने परिजनों की छत्रछाया खो दी है। कई बच्चों के माता-पिता दोनों की कोरोना के कारण मृत्यु हो जाने के कारण उनके ऊपर से माता-पिता का छत्र चला गया। बालकों के भविष्य को लेकर एक बड़ा प्रश्न खड़ा हुआ है। माता-पिता के ना होने के कारण बच्चों के भरण-पोषण का भी सवाल खड़ा हो रहा है। ऐसा ही एक मामला सूरत में सामने आया, जहां दो बच्चों के पिता और उसके बाद उनके चाचा की कोरोना के कारण मृत्यु हो जाने से बच्चों के शैक्षणिक भविष्य के सामने खतरा मंडराने लगा। हालांकि इस समय में सूरत के आम आदमी पार्टी के नेता तुषार मेपाणी आगे आए, जिसके कारण दोनों बच्चों का भविष्य बिगड़ने से रह गया।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, सूरत के उमरा विस्तार में से एक बालक ने आप नेता को फोन कर कहा कि उसके पिता और चाचा दोनों कोरोना महामारी के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। वह दोनों भाई निजी स्कूल में पढ़ते हैं, पर फीस नहीं भर सकने के कारण अब उन्हें स्कूल में से लिविंग सर्टिफिकेट नहीं मिल रहा। दोनों बच्चों ने इस बारे में आप नेता से इस बारे में कुछ करने को कहा। तुषार मेपाणी ने भी इस बारे में उनसे हो सके वह मदद करने का आश्वासन दिया। 
बच्चों की बात सुनने के तुरंत बाद तुषार मेपाणी ने उनकी स्कूल का संपर्क किया। जहां से जानकारी मिली कि दोनों बालक में से बड़ा भाई कक्षा 12 और छोटा भाई कक्षा 8 में पढ़ता है,  जिनकी कुल 36 हजार फीस होती थी। जिसमें सरकार द्वारा दिए गए 25% की छुट के बाद उन्हें ₹27000 भरने थे। हालांकि तुषार भाई ने स्कूल के संचालकों को विनती करते हुए 27000 के 51% फीस बच्चों के उज्जवल भविष्य के आधार पर माफ करवाई और बची हुई रकम तुरंत ही अपनी जेब से भरी। जिसके चलते दोनों बालकों को उनके डोक्यूमेंट्स मिल गए, जिसमें सामने आया की छोटे भाई के कुल 91 प्रतिशत आए थे। 
इस तरह आप के नेता ने दोनों बच्चों की सहायता कर मानवता का एक उत्तम उदाहरण दिया। वहीं दूसरी और पूरे घटनाक्रम में स्कूल द्वारा किए गए कार्य की भी लोगों ने काफी सराहना की।