सूरत के डॉक्टरों ने बड़ी मुश्किल से बचाई है जान, एडवांस इलाज के लिये मरीज को चैन्नई एयरलिफ्ट किया गया

सूरत के डॉक्टरों ने बड़ी मुश्किल से बचाई है जान, एडवांस इलाज के लिये मरीज को चैन्नई एयरलिफ्ट किया गया

पूरा परिवार हो गया संक्रमित, मां की मृत्यु तो पिता ठीक हुए, युवक के ‌इलाज से चेन्नाई के डॉक्टर्स ने पहले कर दिया था इन्कार

कोरोना के उपचार करवा रहे सूरत के अडाजण क्षेत्र में रहने वाले युवक को एंबुलेंस करके चेन्नई की हॉस्पिटल में ले जाया गया। मरीज की तबीयत अधिक खराब हो जाने के कारण उसे वेंटिलेटर पर ले जाना पड़ा था। उपचार के दौरान मरीज का ह्रदय धड़कना बंद कर दिया था। डॉक्टर्स ने बड़ी मेहनत से उसे जीवित किया। 
अडाजण के शिवम नगर में रहने वाले महेंद्र कढीवाला तथा उनकी पत्नी गीताबेन और बेटे को 25 दिन पहले कोरोना संक्रमण लगा था। जिसके कारण पूरा परिवार ही आइसोलेट हो गया। इस दौरान उनकी तबीयत और बिगड़ने के कारण उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल किया गया जिसमें की पत्नी की मौत हो गई और बेटे बंटी को इंफेक्शन 60% तक पहुंच जाने के कारण उसकी भी तबीयत गंभीर हो गई। जिसे की वेंटीलेटर पर उपचार दिया जा रहा था। उपचार के दौरान बंटी का दिल धड़कना बंद कर दिया। डॉक्टरों ने 25 मिनट तक मसाज देकर उसे फिर से धड़कन दी। लेकिन इसके बाद भी तबीयत बिगड़ने के कारण मरीज को एंबुलेंस के माध्यम से चेन्नई की एमजीएम हॉस्पिटल ले जाया गया। 
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS)
उल्लेखनीय है कि दिल की धड़कन बंद हो जाने के कारण चेन्नई के डॉक्टर ने मरीज को लेने से इनकार कर दिया था लेकिन स्थानिक डॉक्टर की गुहार के बाद उन्होंने मरीज को स्वीकार किया। चेन्नई से सूरत आने के पहले  एयर एंबुलेंस एक बार बिगड़ गया था। ऐसी जानकारी सामने आ रही है।राज्य सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को वैक्सिन देने की शुरुआत की है। फिलहाल यह अभियान सूरत शहर में ही शुरू किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अभियान नहीं शुरू किया गया है लेकिन शहर के लोग सेंटर पसंद करते समय बड़े पैमाने पर गांव के सेंटर पसंद कर रहे हैं और बाद में जब वहां जाते हैं तो वैक्सिनेशन नहीं मिलने के कारण परेशान होना पड़ रहा है।
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