सूरत : बंगाल हिंसा का विरोध करने पहुंची महापौर को लोगों यूं करना पड़ा जनाक्रोश का सामना

सूरत : बंगाल हिंसा का विरोध करने पहुंची महापौर को लोगों यूं करना पड़ा जनाक्रोश का सामना

राजनीतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध के बावजूद भाजपा ने आयोजित किये प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में अपने कार्यकर्ताओं को विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। इसी के भाग स्वरुप सूरत में भी विभिन्न जगहों पर भाजपा के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम आयोजित किये। 
ऐसे ही एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये सूरत के पुणा इलाके में महापौर हेमाली बोघावाला पहुंची। लेकिन स्थल पर उन्हें स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। महापौर का विरोध जहां स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुरू किया, लेकिन बाद में आसपास के लोग भी उसमें शामिल हो गये। यहां तक कि कुछ भाजपा कार्यकर्ता भी ‘महापौर हाय हाय’ के नारे लगाने लगे। 
लोगों के रोष को भांपते हुए महापौर हेमाली बोघावाला ने बिना कोई प्रतिक्रिया दिये चुपचाप अपनी सरकारी गाड़ी में सवार होकर लौटने में भी भलाई समझी। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। 
बता दें कि कोरोना के वर्तमान संकटकाल में चिकित्सा सुविधा की किल्लतों के कारण वैसे भी लोग पहले से परेशान हैं। ऐसे में ऐसे विरोध प्रदर्शनों का वर्तमान हालामों में कोई औचित्य नहीं दिखता। राजनेताओं को अपना सारा श्रम जनोपयोगी कार्यों के लिये लगाना चाहिये। वैसे भी प्रदेश में सार्वजनिक, राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगी हुई है। बावजूद इसके जिस प्रकार भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये, इस संदर्भ में कांग्रेसी नेता नेषध देसाई का कहना था कि अब लोग किनके पदचिन्हों पर चलेंगे जब सत्तारूढ़ दल के लोग ही नियमों की ऐसी-तैसी करने में तुले हैं।
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