सूरत के वकीलों का अभूतपूर्व निर्णय, रेमडेसीवीर की कालाबाजारी करने वालों का नहीं लडेंगे केस

सूरत के वकीलों का अभूतपूर्व निर्णय, रेमडेसीवीर की कालाबाजारी करने वालों का नहीं लडेंगे केस

जिला बार एसोसिएशन की मीटिंग में लिया गया फैसला

सूरत शहर सहित देशभर में कोरोना ने महामारी का रूप ले लिया है। कोरोना में कारगर माने जाने वाली रेमडेसिविर इजेक्शन की डिमान्ड बहुत ज्यादा है। लोग मुहमांगी कीमत देकर यह इंजेक्शन देने के लिए तैयार है। ऐसे में सूरत में कई लोग रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते पकड़े गए। इसमें होस्पिटल के लोग भी शामिल है। 
वकीलो के मीटिंग में सर्वसंमति से फैसला
सूरत जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी की आपराधिक साजिश में शामिल आरोपियों का केस नहीं लड़ने का फैसला लिया गया है।
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS)
सूरत जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की एक डिजिटल बैठक हुई। इसमें कोरोना के समय में भी डुप्लीकेट रेमेडेसिविर इंजेक्शन बनाकर काला बाजारी करने या बेचने वाले आरोपियों के केस का नहीं लड़ने का फैसला किया गया। जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नौशाद जसोलिया ने कहा कि बैठक में इंजेक्शन के काला बाजार करने वालों के आपराधिक कृत्य की कड़ी निंदा की गई। जब कोई अस्पताल के वेंटिलेटर पर मरीज जीवन-या-मौत की स्थिति में होता है, तब रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए रिश्तेदारों पर दबाव डाला जाता है। ऐसे में कई मौका परस्त लोगों ने डुप्लिकेट इंजेक्शन बनाना शुरू कर दिया और कालाबाजारी कर रहे है।
इसलिए वकीलों ने वकीलों से आग्रह किया है कि डुप्लीकेट रेमेडेसिविर बनाने या इंजेक्शन या कालाबाजारी बेचने वालों के केस को न लड़े और लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाले।  रेमेडिसविर इंजेक्शन की मार्केटिंग करने वाले दो आरोपियों की जमानत आज रद्द हो गई है
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