कोरोना से ठीक होने के बाद सिविल अस्पताल के चीफ सिक्यूरिटी ऑफिसर ने किया प्लाज्मा दान

कोरोना से ठीक होने के बाद सिविल अस्पताल के चीफ सिक्यूरिटी ऑफिसर ने किया प्लाज्मा दान

अधिक से अधिक लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए किया आह्वान

शहर में एक और जहां कोरोना काल में से कई लोग गरीबों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। ऐसे में कई ऐसे भी लोग हैं जो अपने तन, मन और धन से लोगों की सहायता करने के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे ही कुछ अच्छे लोगों में से एक हैं सूरत सिविल हॉस्पिटल के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर हरेन गांधी, जो कि अपना प्लाज्मा दान कर अन्य लोगों को कोरोना से जल्दी ठीक होने के लिए सहायता कर रहे है। 49 वर्षीय हरेन ने कहा की वह जब तक हो सकेगा, प्लाज्मा का दान करेंगे। 
कोरोना महामारी शुरू होने के साथ ही हरेन गांधी सिविल के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हरेन ने बताया कि सिविल की सुरक्षा के दौरान 4  मार्च को उनका कोरोना के प्राथमिक लक्षण दिखाई देने लगे। जिसके चलते 2 दिन के बाद उन्होंने रिपोर्ट करवाई, जो की पॉज़िटिव आया। कोरोना रिपोर्ट पोजीतव आने पर हरेन ने होम आइसोलेशन में रहने का निर्णय लिया। जहां 12 तारीख तक वो होम आइसोलेशन में रहे। हालांकि 12 तारीख की रात को उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जिसके बाद वह अस्पताल में भर्ती हो गए। 
अस्पताल में 7 दिन तक इलाज लेने के बाद उन्होंने कोरोना को हराने में सफलता हासिल की। कोरोना को हराने के बाद ही उन्होंने संकल्प लिया कि वह अधिक से अधिक प्लाज्मा डोनेट कर कर उनकी तरफ से कोरोना संक्रमितों की सहायता करेंगे। प्लाज्मा डोनेशन के अपने निर्णय के कारण ही उन्होंने अब तक वैक्सीन अभियान में हिस्सा नहीं लिया। क्योंकि एक बार वैक्सीन लेने के बाद कुछ दिनों तक प्लाज्मा डोनेट नहीं किया जा सकता। जिसके कारण उन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने के बाद वैक्सीन लेने का निर्णय किया। 
हरेन भाई कहते है कि फिलहाल कोरोना का संक्रमण काफी ज्यादा बढ़ गया है। राज्य में प्लाज्मा और खून की काफी कमी है। एक पूर्व सैनिक और जागृत नागरिक के तौर पर उनकी सभी से अपील है कि अधिक से अधिक मात्रा में प्लाज्मा और रक्त का दान करे। कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों को भी उन्होंने आगे आकर इस अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया है।