जब 104 साल की वृदधा ने दी कोरोना का मात

जब 104 साल की वृदधा ने दी कोरोना का मात

तीसरे दिन ऑक्सीज़न की कमी से अस्पताल में किया गया था दाखिल, 6 दिन के इलाज के बड़ा खुद ही घूमने फिरने लगी दादीमाँ

कहते है कि यदि आपका चाहो तो पहाड़ को तोड़ सकते हो। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सूरत की इस बुजुर्ग महिला ने जब 104 साल की उम्र में उन्होंने कोरोना को मात दे दी। शहर में जहां एक और कोरोना के बढ़ते केसों के कारण कई लोग मासनिक रूप से थक चुके है, वहीं 104 साल की बुजुर्ग महिला द्वारा कोरोना को हारने का किस्सा सभी के प्रेरणास्वरूप बना है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, 50 व्यक्ति के परिवार में रहने वाली 104 साल की रलियात बेन साचपरा की तबीयत अचानक बिगड़ने से उनके परिवार ने उनका कोरोना टेस्ट करवाया था। जो की पॉज़िटिव आया था। रिपोर्ट पॉज़िटिव आने के बाद उनका घर पर ही इलाज शुरू किया गया। हालांकि तीन दिन के बाद उनका ऑक्सीज़न लेवल कम होने लगा तो उन्हें उत्राण की लाइफ लाइन चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित आइसोलेशन सेंटर में भेजा गया। यहाँ डॉ. नन्दलाल पटेल और डॉ. शैलेश भायाणी के मार्गदर्शन और इलाज के चलते छठे दिन रलियात बेन घूमने फिरने लगे थे। 
रलियात बेन का रिपोर्ट जब नेगेटिव आया तो उन्हें घर लेकर जाया गया। इस दौरान उनकी बहू ने बताया की उनके निरोगी स्वास्थ्य का रहस्य उनकी मेहनत और भक्ति है। 104 साल की बुजुर्ग महिला की तबीयत में सुधार आने के बाद अब वह कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए है।