सूरत में शनिवार को मास्क न पहनने वाले 133 लोगों से पालिका ने दंड वसूला

सूरत में शनिवार को मास्क न पहनने वाले 133 लोगों से पालिका ने दंड वसूला

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लोगों में मास्क प्रति जागरूकता आए इस हेतु से पुलिस ने दंड नही मास्क पहनो अभियान शुरू कीया फीर कुछ लोग लापरवाही बरत रहे है।

पुलिस द्वारा दंड नही मास्क पहनो अभियान अंतर्गत मास्क वितरण के बावजूद लापरवाही जारी
सूरत शहर में शनिवार को मास्क न पहननेवाले 133 लोगों से कोविड गाईडलाईन का उल्लंघन करने पर महानगरपालिका के स्वास्थ विभाग द्वारा दंड वसूला गया। शहर पुलिस ने बिना मास्क के घर से निकलनेवाले लोगो को रास्ते में रोककर उन्हे मास्क पहनने के लिए जागरूक करते हुए मास्क का वितरण करके दंड नही मास्क पहनो अभियान शुरू किया है फिर भी लोग लापरवाही दिखाते है। तीन सप्ताह से लगातार कोरोना केसों में वृद्ध‌ि हो रही है प्रशासन द्वारा लोगों को कोविड गाईडलाईन का कड़ाई से पालन करने की अपील की जा रही है फिर भी लोग बिना मास्क लगाए घर से निकलकर लापरवाही बरतते हुए कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं।  
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूरी
कोरोना महामारी के दौरान कोविड-19 वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सूरत महानगरपालिका द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। शहरवासियों को पालिका आयुक्त द्वारा लोगों से आवश्यक रूप से मास्क लगाने, सामाजिक दुरी बनाने, भीड़भाड़वाली जगह से बचने तथा शादी, धार्मिक प्रसंगों में कोविड गाईडलाईन का कडाई से पालन करने की अपील की है। नो मास्क नो एन्ट्री का कड़ाई से पालन कराने के लिए प्रशासन कार्यवाही कर है। शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा होने के बावजूद लोग कोविड गाईडलाईन और एसओपी का पालन करने में लापरवाही दिखा रहे है।
शनिवार को भी दिखी शहरवासियों में मास्क के प्रति लापरवाही
शनिवार को शहर के विभिन्न जोन में मास्क न पहनने वाले 133 लोगों से शनिवार को 1,33,000 रुपये का दंड सूरत महानगरपालिका द्वारा वसूला गया। दंड वसूलने का मुख्य हेतु लोगों को कोरोना की गंभीर परिस्थिति के मद्देनजर कोरोना वायरस से लोग स्वयं बचे और अपने परिवार तथा शहर को भी कोरोना वायरस से सुरक्षित रखे। शहर में दिन प्रतिदिन बढ रहा कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए महानगरपालिका को साथ सहयोग दे। मास्क न पहनने पर महानगरापालिका 1000 रुपेय का दंड वसूलेगी और जरूरत पड़ने पर शिक्षात्मक कार्यवाही करते हुए एकेडेमिक एक्ट के तहत पुलिस शिकायत भी कर सकती है। 
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