सूरतः जरुरतमंद का अनाज दुकानदार किसी और को बेच रहा था, आप पार्षद ने की डीएसओ से शिकायत

सस्ते अनाज की दुकान के संचालक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की

परमन कालुभाई मोहनभाई के नाम पर सरकारी खाद्यान्न की मात्रा लंबे समय से छीनी जा रही थी 
शहर के वराछा क्षेत्र के घनश्यामनगर के निवासी परमन कालुभाई मोहनभाई के नाम पर सरकारी खाद्यान्न की मात्रा लंबे समय से छीनी जा रही थी। लेकिन उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। परमार कालूभाई मोहनभाई का राशन कार्ड बंद होने के बावजूद दुकान के संचालक ने ‌अन्य किसी को इनका अनाज देना शुरू कर दिया। जब भी वह सस्ते अनाज की दुकान के संचालक  के पास जाता और उसे अपना राशन कार्ड फिर से शुरू करने के लिए कहता, तो वह आश्वासन देता था‌ कि  थोड़े समय में हो जाएगा। बाद में अनाज दूसरे को बेच देने की जानकारी होने पर आप  पार्षद द्वारा डीएसओ से पेशकश कर जांच की मांग की है। 
सिस्टम से बेचा गया राशन
राशन कार्ड एक बारकोड  सिस्टम के साथ आता है। जिसमें वह व्यक्ति जिसके पास राशन कार्ड है। वह किराने की दुकान पर जाता है और अपनी उंगलियों के निशान लगाता है। तभी उसे निर्धारित मात्रा में अनाज प्राप्त होता है। बावजूद इसके तमाम सस्ते अनाज के दुकानदारों द्वारा सरकार ने जो बारकोड सिस्टम स्थापित की है। इसके ऊपर जाकर, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार के राशन को अन्य व्यापारियों को थोड़े से पैसे के लालच में बेच देते हैं। आप पार्षद ने अपने क्षेत्र में सस्ते अनाज की दुकान का चल रहा घोटाला बाहर लाकर जिला आपूर्ति अधिकारी (डीएसओ) से लिखित में पेशकश कर दुकानदार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। 
 बड़े घोटाले का संदेह
वराछा क्षेत्र के घनश्याम नगर में एक सस्ते खाद्य दुकान पंजीकरण संख्या 18473 द्वारा  गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के साथ अन्याय करके एक बड़ा घोटाला किये जाने की शिकायत की गई है। हालाँकि, शहर की कई ऐसी सस्ती खाद्य दुकानों के संचालक बंद राशन कार्डों को सक्रिय नहीं करके लाखों रुपये के घोटाले में शामिल हैं जो वर्तमान में बंद हैं।  सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न की मात्रा को बाहर ही बाहर बेचकर लाखों रुपये के घोटाले को अंजाम दे रहे हैं।  यदि एक तटस्थ आपूर्ति अधिकारी पूरे शहर की जांच करता है, तो एक अच्छा मौका है कि इस तरह का घोटाला कई सस्ते खाद्य दुकानों में सामने आएगा।
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