सूरत : बिना पहचान पत्र जैन मुनियों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की गई

सूरत : बिना पहचान पत्र जैन मुनियों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की गई

देशभर में बढ़ते कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सिनेशन की शुरुआत की गई है। ऐसे में सूरत में जैन मुनियों द्वारा एक नई पहल की गई। जैन साधुओं और साध्वियों ने बुधवार को कोरोना का वैक्सिन लेकर समाज को प्रेरणादायी संदेश दिया। जैन गुरु भगवंतो ने कोरोना का वैक्सीन लिया हो देश में ऐसी पहल सूरत से हुई है। जैन समुदाय में एक बार संसारी जीवन को त्याग देने के बाद व्यक्ति की संसार से जुड़ी हुई तमाम पहचान मिट जाती है। संसारी जीवन का नाम भी उससे दूर हो जाता है। जिससे कि आधारकार्ड, पैन कार्ड सहित आदि भी उनके लिए कोई महत्व नहीं रखते। मात्र संयमी जीवन जीना उनके लिए महत्वपूर्ण होता है।
सूरत के 50 जैन साधु और भगवंतो ने लिए वैक्सिन
सूरत के 50 जैन साधु और साधु महाराज, भगवंतो ने बुधवार को कोरोना वैक्सिन लेकर समाज को अनोखा संदेश दिया। भगवान यशो विजय सूरिश्वर, आचार्य मुनिचंद्र विजयसुरीश्वर, आचार्य राज्यपुण्य सूरिश्वर सहित 50 साधु, साध्वी महाराज तथा स्थानकवासी समुदाय के महासती जी ने अपने स्थानक पर वैक्सिन लिया। जैन गुरु भगवंतो के पास कोई सरकारी पहचान पत्र नही होने से जैन अग्रणियों ने पालिका कमिश्नर से गुहार लगाई थी जिसे की, पालिका कमिश्नर ने मान लिया और किसी भी पहचान पत्र के बिना भी जैन भगवंतों को वैक्सीन देने की मंजूरी दी। 
पालिका का निर्णय सराहनीय
जैन समुदाय में बीते 2 महीने से कोरोना वैक्सीन को लेकर अलग-अलग मैसेज चल रहे हैं। जैसे ही जैन भगवंतो ने वैक्सिन लिया, वैसे ही शहर में चर्चाएं फैल गई। बुधवार को मूर्तिपूजक समुदाय के साथ स्थानकवासी साध्वी भगवंतो ने भी वैक्सिन लिया था। पालिका से इस बारे में मंजूरी मांगने वाले जैन अग्रणी नीरव शाह ने बताया कि जैन समुदाय में संसार त्याग करने के बाद दीक्षार्थी का नाम बदल जाता है। उनके पास कोई सरकारी दस्तावेज नहीं होते। ऐसे में बिना किसी पहचान पत्र के उन्हें वैक्सीनेशन दिया गया। यह बहुत ही सराहनीय निर्णय है।
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