लो कर लो बात, सूरत में वैक्सीन लिये बिना ही पहुंच गया प्रमाणपत्र!

लो कर लो बात, सूरत में वैक्सीन लिये बिना ही पहुंच गया प्रमाणपत्र!

पांडेसरा से सामने आए बिना टीका लिए सर्टिफिकेट मिलने के दो केस, तकनीकी खामी से हुई है दिक्कत - हेल्थ कमिश्नर

सूरत में एक तरफ जहां कोरोना के केस बढ़ रहे है वही दूसरी तरफ सूरत महानगर पालिका की काफी बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोरोना के केसों को बढ्ने से रोकने के लिए सूरत महानगर पालिका द्वारा युद्धस्तर पर टीकाकरण का काम किया जा रहा है। इसी बीच सूरत महानगर पालिका द्वारा लापरवाही का एक और किस्सा सामना आया है। जहां बिना टीका लिए ही उनके पास सर्टिफिकेट आ गए होने की बात मालूम पड़ी है।
कुंभ के मेले में गया था परिवार; वापिस आने पर मिला सर्टिफिकेट
इन सभी घटना में महत्वपूर्ण बात यह है की इन तीन किस्सों में दो किस्सों में तो सूरत के पांडेसरा इलाके में से ही है। सूरत के पांडेसरा इलाके में रहने वाले अनुपसिंह ने पिता हरीभान सिंह और माता अन्नपूर्णा के लिए 10 मार्च को कोरोना टीकाकरण का लाइव रजिस्ट्रेशन करवाया था। हालांकि यह दोनों टीका लेने के पहले ही हरिद्वार के कुंभ के मेले में चले गए। हालांकि टीका ना लेने के बावजूद हरीभान के घर उनके टीका लेने का प्रमाणपत्र आ गया है। 
दूसरी घटना में राकेशसिंह नाम के व्यक्ति ने उनकी सास निर्मला सोलंकी के लिए कोरोना वैक्सीन दिलाने के लिए 13 मार्च का रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसके बाद उन्हें दोपहर के 3 बजे बमरोली हेल्थ सेंटर पर जाकर वैक्सीन लेने का निर्देश दिया गया था। हालांकि किसी कारणसर राकेशसिंह अपनी सासु को लेकर बमरोली हेल्थ सेंटर नहीं ले जा सके थे। इसके बावजूद राकेशसिंह के मोबाइल पर एक मेसेज आया की निर्मला सोलंकी को टीका दे दिया गया है। 
दो महीने से छुट्टी पर गई नर्स का भी बन गया सर्टिफिकेट
इस समग्र घटना को लेकर सूरत महानगरपालिका के हेल्थ एंड हॉस्पिटल विभाग के डेप्युटी कमिश्नर डॉ। आशीष नायक ने बताया कि पांडेसरा के एक केस में ऐसा सामने आया है कि बिना टीका मिले उन्हें सर्टिफिकेट मिल गया है। हालांकि इसके अलावा कोई ऐसी शिकायत नहीं मिली है। यह किसी तकनीकी कमी के कारण हुआ होगा। एक्स्पर्ट्स की सहायता से इस जल्द ठीक कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है की इन सभी पर टीका देने वाली जिस नर्स का जिक्र किया गया है, वह पिछले दो महीनों से तो छुट्टी पर है। 
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