सूरत : नर्मद यूनिवर्सिटी में फेल होने की मर्यादा दूर हुई, चाहे जितने प्रयासों में हो सकेंगे ग्रेजुएट!

सूरत : नर्मद यूनिवर्सिटी में फेल होने की मर्यादा दूर हुई, चाहे जितने प्रयासों में हो सकेंगे ग्रेजुएट!

इंचार्ज कुलपति डॉ. हेमालीबेन देसाई द्वारा दिया प्रस्ताव सभी ने स्वीकारा, कई छात्रों को मिलेगा फायदा

नर्मद यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों के लिए एक अच्छी खबर आई है। यूनिवर्सिटी ने 2009 से सेमेस्टर सिस्टम चालू होने के बाद से 6 वर्ष में अपनी स्नातक की डिग्री लेने की मर्यादा पूर्ण कर दी है। एकेडेमिक काउंसिल द्वारा इस मर्यादा को दूर करने के कारण लगभग 5000 छात्रों को फायदा होगा। 

पहले भी कई बार रखा गया था प्रस्ताव

इसके पहले यूनिवर्सिटी में किसी भी कोर्स में प्रवेश लेने के बाद ज्यादा से ज्यादा 6 प्रयत्नों के बाद छत्र को अपना स्नातक पूर्ण कर लेना होता था। यदि इन 6 प्रयत्नों में भी छात्र स्नातक की पढ़ाई पूर्ण नहीं कर पाता तो उसे फिर से फ़र्स्ट इयर से पढ़ाई करनी पड़ती थी। इस नियम के सामने सेनेट के सभ्य गणपत धमेलिया ने दो बार सेनेट में प्रस्ताव रखे थे। पर आज तक इस बात को लेकर कोई समाधान नहीं आया था। 
पर मंगलवार को मिली एकेडेमिक काउंसिल की मीटिंग में इंचार्ज कुलपति डॉ. हेमालीबेन देसाई ने इस प्रस्ताव को रखा था। जिसे सर्वानुमत पसंद कर लिया गया था। काउंसिल के इस निर्णय के बाद से एक या दो सेमेस्टर में फेल हुये छात्र जो की फिलहाल नौकरी कर रहे है, उन लोगों को काफी फायदा होगा। एक अंदाज के अनुसार इस नियम के कारण 5000 से अधिक छात्रों को फायदा होगा।, 
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