सूरत : आखिरकार एकजुट हुए कपड़ा व्यापारी, विवरों के साथ संघर्ष में ये फैसले लिए

सूरत : आखिरकार एकजुट हुए कपड़ा व्यापारी, विवरों के साथ संघर्ष में ये फैसले लिए

सूरत की विभिन्न टेक्सटाइल मार्केटों में व्यापारियों ने ट्रांसपोर्टेशन चार्ज नहीं देने और 5 प्रतिशत डिस्काउंट और 1 प्रतिशत दलाली विवर्स के पास से ही लेने का मन बनाया

सूरत की विभिन्न टेक्सटाइल मार्केटों में व्यापारियों ने ट्रांसपोर्टेशन चार्ज नहीं देने और 5 प्रतिशत डिस्काउंट और 1 प्रतिशत दलाली विवर्स के पास से ही लेने का मन बना लिया है।मंगलवार दोपहर को मार्केट में अलग-अलग स्तर पर चर्चा विचारण के बाद इस प्रकार का फैसला लिया गया है। इतना ही नहीं जानकारों में चर्चा है कि व्यापारियों में एक-जुटता बनाये रखने के लिये बनाये गये इन नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों का नाम सोशल मीडिया में वायरल करने की भी कथित रूप से बात कही गई है। ऐसी भी चर्चा है कि जिन मार्केटों में इन नियमों का पालन नहीं होगा वहाँ फिनिश्ड माल रोक देने तक के कदम उठाये जा सकते हैं।  
सभी मार्केट में इस नए नियम के अनुसार ही काम करने की सूचना प्रेषित कर दी गई। इस घटनाक्रम के बाद साफ दिख रहा है कि पिछले 10 -12 दिनों से व्यापारियों और विवर्स के बीच वटाव और दलाली के संदर्भ में चल रही आक्रमकता बढ़ गई है। 
सचिन के विवर्स कभी नहीं देते डिस्काउंट या दलाली
सचिन के विवर महेंद्र रमोलिया ने मीडिया को बताया की सचिन में विवर टॉप ड्राइड क्वालिटी बनाते हैं। व्यापारियों को यदि ग्रे खरीदना है, तो वह फेक्टरी पर आकर ऑर्डर लिखवाते है। हम हमारी शर्तो पर काम करते हैं। किसी को भी एक पैसा डिस्काउंट या दलाली नहीं देते। 
विवर्स नहीं करेंगे नए नियम के अनुसार काम, चाहिए तो माल लो!
वहीं सूत्रों के अनुसार ट्रांसपोर्टेशन चार्ज और डिस्काउंट और दलाली के मुद्दे पर व्यापरियों के नियम से काम करने के लिए विवर्स तैयार नहीं हैं। विवरों का मन है कि जिसे माल लेना है वह माल ले वरना नहीं। व्यापारियों कि संस्था जो भी नियम नक्की करे, उसका पालन करने के लिए वह बाध्य नहीं हैं।  विवर्स द्वारा हर 15 दिनों पर यार्न वालों को पेमेंट कर दिया जाता है। इसके अलावा यदि पेमेंट करने में यदि थोड़ा सा लेट हो जाए तो उसका व्याज भी देते हैं। वहीं व्यापारियों से वह 25 - 30 दिन के बाद पेमेंट लेते हैं। विवर्स द्वारा किसी तरह का कोई डिस्काउंट नहीं दिया जाएगा। 
ऐसे में साफ प्रतीत हो रहा है कि विवरों और व्यापारियों के बीच का ये गतिरोध आसानी से सलटने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में विवरों की एक बैठक भी होनी तय मानी जा रही है।
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