सूरत : 42 वर्षीया बाइकर दुरैया तपिया 35 दिन की ट्रक की सवारी पूरी कर सूरत लौटीं

सूरत :  42 वर्षीया बाइकर दुरैया तपिया 35 दिन की ट्रक की सवारी पूरी कर सूरत लौटीं

राहुल राज मॉल के निकट भव्य स्वागत किया गया, 26 जनवरी से शुरू की थी राइड

35 दिनों की सवारी के दौरान दुरैया ने 13 राज्यों में 4500 गांवों और 10 हजार किमी सफर करके स्वच्छ भारत, सशक्त महिला, सशक्त भारत और आत्मनिर्भर भारत मिशन के संदेश को जनजन तक पहुंचाया
सूरत : बाइकर के तौर पर प्रख्यात और 35 दिन ट्रक राइड पर निकली सूरत की 42 वर्षीया दुरैया तपिया के आज सूरत लौटने पर राहुल राज मॉल के पास उनक भव्य स्वागत किया गया। दुरैया तपिया ने 26 जनवरी को देशव्यापी ट्रक की सवारी शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान, सशक्त नारी, सशक्त भारत और आत्मानिर्भर भारत मिशन के साथ कोविड-19 से सुरक्षित रहने के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने इस देशव्यापी राइड का दुरैया ने आयोजन किया था।


ग्रामीणों को मास्क, सैनिटाइजऱ, पैड और डस्टबिन भी वितरित करके कोरोना महामारी के बारे में जागरूक करने की कोशिश की
राइड की शुरुआत 26 जनवरी को सांसद श्रीमती दर्शनाबेन जरदोश के फ्लेग ऑफ के साथ हुई। राइड के दौरान दुरैया तपिया ने खुद लगातार 35 दिनों तक ट्रक को चलाया। इस दौरान उन्होंने 13 राज्यों में 4500 गांवों और 10 हजार किमी से अधिक की यात्रा की।
दुरैया तपिया ने कहा कि राइड का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान, सशक्त नारी, सशक्त भारत और आत्मनिर्भर अभियान को जन-जन तक पहुंचाना था। वहीं गांवों के लोगों को कोविड -19 महामारी के बारे में जागरूक किया जाना था। इसलिए हर गांव में जाकर लोगों को मुफ्त मास्क, सैनिटाइजऱ, पैड और डस्टबिन बांटने के साथ-साथ कोरोना से बचने के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की गई । 13 राज्यों की यात्रा के दौरान दुरैया उन राज्यों के प्रतिनिधियों से मिलीं।
दुरैया का जगह-जगहों पर स्वागत किया गया। राइड अंतिम चरण में केवडिया स्टेच्यु ऑफ यूनिटी से बायपास होकर आज सूरत में पहुंची थी। यहां राहुल राज मॉल के पास उनके स्वागत के लिए भव्य तैयारियां की गईं और उनका  स्वागत किया गया।

तीन महीने तक प्रशिक्षण लेकर लाइसेंस प्राप्त किया, मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी
दुरैया तपिया को एक पेशेवर ड्राइवर के रूप में प्रशिक्षित किया गया था और उसे 35 दिनों के लिए 13 राज्यों में ट्रक चलाने के लिये हेवी-लाइसेंस मिला था। दुरैया तपिया ने कहा कि ट्रक चलाना आम तौर पर एक आदमी का काम है, लेकिन मेरे लिए यह  कठिन जरूर था लेकिन  असंभव नहीं। यही कारण है कि तीन महीने तक ट्रक चलाना सीखने के बाद मैंने आरटीओ में हेवी-लाइसेंस के लिए प्रक्रिया कर उसे प्राप्त किया और राइड पूरी की।
उल्लेखनीय है कि दुरैया तपिया  साहसी महिला हैं। उन्होंने बाइकर के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है। वह भारत भ्रमण के साथ पहले ही सिंगापुर के लिए बाइक की सवारी कर चुकी हैं।
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