सूरत जिले के इन दो गांवों के नाराज मतदाताओं ने किया मतदान का बहिष्कार

गांवों में प्राथमिक सुविधाओं का अभाव और भाजपा के टिकट बंटवारे केे लेकर थी नाराजगी

स्थानीय निकाय के चुनाव में सूरत जिले की कामरेज तहसील में रूढवाना गांव और तापी जिले की उच्छल तहसील के भीतबुद्रुक के पटेल मोहल्ले में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। दोनों जगह के मतदाताओं ने गांव में विकास नहीं होने का आक्रोश व्यक्त करते हुए मतदान ही नहीं किया। रूढवाना गांव में रोड, गटर, मकान सहित मूलभूत काम नहीं होने के कारण लोग नाराज थे। जिसके चलते पूरे दिन में इस क्षेत्र के उंभेड जिला पंचायत बैठक और तहसील पंचायत की विहान बैठक पर एक भी मत नहीं पड़ा। गांव के 418 मतदाता हैं। 

टिकिट बंटवारे को लेकर रही नाराजगी

बताया जा रहा है कि मतदान के बहिष्कार का एक बड़ा कारण भाजपा के टिकट बंटवारे में विवाद भी रहा। भाजप की ओर से सबसे पहले आदिवासी मंजू बेन राठौड़ को टिकट देने का फैसला किया गया था लेकिन अंतिम समय में पूर्व विधायक भारतीबेन पटेल को जिला पंचायत की उंभेड बैठक की सीट से टिकट दे देने के कारण लोग नाराज हो गए।बताया जा रहा है कि मंजुलाबेन के नाम का मेन्डेट भी आ चुका था।

गांव में प्राथमिक सुविधा का अभाव

उच्छल तहसील में भीतबुद्रुक पटेल मोहल्ला में रहने वाले लोगों को रास्ता, गटर, पुल और गटर लाइन तथा अन्य सुविधाएं नहीं मिलने के कारण मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार के लिए ज्ञापन भी दिया था। लेकिन प्रशासन की ओर से उचित जवाब नहीं मिलने के कारण नाराज मतदाता मत देने नहीं गए। भीतबुद्रुक के मतदाता घर से नहीं निकलने के कारण मतकेंद्र खाली रहा था। यहां पर 997 मतदाता थे जिन्होंने अपने गांव को सुविधा देने की मांग की थी। साथ ही गांव के कच्चे घरों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल कर लेने की भी मांग की थी जो कि प्रशासन ने नहीं मानी। अंत में गांव के लोगों ने अपना विरोध दर्शाने के लिए वोट ही नहीं डाले।

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