बनासकांठा : भारत-पाक की नडाबेट सीमा पर पर्यटकों को आकर्षित करने 'सीमा दर्शन' प्रोजेक्ट की जानिए ये खास बातें, गृह मंत्री अमित शाह ने किया है खास सुविधाओं का लोकार्पण

बनासकांठा : भारत-पाक की नडाबेट सीमा पर पर्यटकों को आकर्षित करने 'सीमा दर्शन' प्रोजेक्ट की जानिए ये खास बातें, गृह मंत्री अमित शाह ने किया है खास सुविधाओं का लोकार्पण

बाघा बॉर्डर की तरह यह गुजरात का पहला ऐसा बॉर्डर प्वाइंट होगा, जहां दर्शक दीर्घा, फोटो गैलरी और हथियारों-टैंकों का भी प्रदर्शन किया जाएगा

गुजरात के बनासकांठा जिले के नडाबेट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दर्शनीय स्थल (व्यूप्वाइंट) का उद्घाटन किया। दर्शनीय स्थल नडाबेट भारत और पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित है। यहाँ पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। बाघा बॉर्डर की तरह यह गुजरात का पहला ऐसा बॉर्डर प्वाइंट होगा, जहां दर्शक दीर्घा, फोटो गैलरी और हथियारों-टैंकों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। हालांकि नडाबेट में केवल बीएसएफ के जवान ही प्रदर्शन कर सकेंगे। यहां बाघा बॉर्डर की तरह रिट्रीट सेरेमनी नहीं होगी। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान की सेना शामिल नहीं होगी। भारत-पाक सीमा से 20-25 किलोमीटर पहले नडाबेट का प्वाइंट बनाया गया है, जो अहमदाबाद से लगभग 240 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
आपको बता दें कि लोकार्पण कार्यक्रम में अमित शाह के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य के पर्यटन मंत्री पूर्णेश मोदी भी मौजूद थे। अमित शाह ने उद्घाटन के दौरान कहा, मैं बीएसएफ जवानों से कहना चाहता हूं कि अगर देश सीमाओं के भीतर सुरक्षित है, प्रगति कर रहा है, और दुनिया के सामने तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसा इसलिए है क्योंकि आप अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर हैं और चिलचिलाती रेगिस्तान के बीच देश की रक्षा करते हुए खड़े हैं। वहीं गुजरात पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक आलोक पांडेय ने कहाकि जगह के प्रमुख आकर्षणों में से एक बीएसएफ के जवानों की दैनिक परेड होगी।
आपको बता दें कि इस परियोजना की शुरुआत राष्ट्र के नागरिकों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की जीवन शैली को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर देने के उद्देश्य से की गई थी, जो लगातार अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रहे हैं, साथ ही साथ उनके रहने की स्थिति, उनके कर्तव्यों और उनकी देशभक्ति पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां टूरिस्टों द्वारा अलग-अलग गतिविधियां की जा सकती हैं। सीमा दर्शन का प्रारंभिक बिंदु टी-जंक्शन में रक्षा की पहली पंक्ति को श्रद्धांजलि अजय प्रहार स्मारक सहित 10 से अधिक विभिन्न गतिविधियां हैं। ये सीमा सुरक्षा बल और भारत के बेटों और बेटियों का सम्मान करती है। ये उन बहादुरों की कहानी है, जिन्होंने अपने कर्तव्य के लिए बलिदान दिया है।
इसके अलावा यहां नाम, नमक, निशान के नाम से आर्ट गैलरी है। इसमें 100 तरह की प्रदर्शनी हैं। ऑडियो-विसुअल एक्स्पेरिंस जोन में विसिटर्स 1971 के भारत-पाक युद्ध के गौरवशाली अतीत की एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री देख सकते हैं। यहां एक मॉडर्न 360-डिग्री बूथ एक्सपीरियंस जोन भी है, जहां “सैंड स्क्रीन” पर प्रोजेक्शन का अपने आप में एक अलग ही अनुभव होगा। इसके अलावा यहां एडवेंचर एरीना एक्टिविटी जोन है, जहां ज़िप-लाइनिंग, शूटिंग, क्रॉसबो, पेंटबॉल, रॉकेट इजेक्टर वगैरह का लुफ्त लिया जा सकता है। यहां की खासियत ये है कि पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब 2006-07 में नडाबेट बॉर्डर पर विजिट के लिए आये थे। जब उन्हें पता लगा कि यहां तैनात BSF के जवानों के लिए पानी की किल्लत है तो उन्होंने केंद्र से मिलने वाली सहयता का इंतजार किए बिना ही सिर्फ 4 महीने में 150 किलोमीटर पाइपलाइन डलवा दी।