गुजरात : अहमदाबाद के 11 स्वास्थ्य संस्थानों में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट कार्यरत

गुजरात : अहमदाबाद के 11 स्वास्थ्य संस्थानों में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट कार्यरत

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद महानगर पालिका द्वारा 20 करोड़ रुपए के ख़र्च से तैयार किए गए 19 पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का किया ई-लोकार्पण

 गुजरात में नागरिकों को दी गई 9 करोड़ 76 लाख 86 हज़ार 539 वैक्सीन डोज़
कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने की तैयारी के अंतर्गत केन्द्र सरकार ने प्रत्येक राज्य को ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के तहत अहमदाबाद महानगर पालिका द्वारा 3 बड़े जनरल अस्पतालों, 9 कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों तथा 1 कोविड केयर सेंटर में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने का कार्य शुरू किया गया था। तद्अनुसार 2000 एलपीएम, 1000 एलपीएम तथा 500 एलपीएम; इन अलग-अलग कैपेसिटी के कुल 19 प्लांट स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा 20 करोड़ रुपए के ख़र्च से तैयार किए गए इन अलग-अलग क्षमताओं वाले कुल 19 पीएसए ऑक्सीजन जनरेशनल प्लांट का मंगलवार को ई-लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि पूरा विश्व कोरोना महामारी की तीसरी लहर के विरुद्ध संघर्ष कर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी के नेतृत्व में हमने विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन शुरू किया और देशवासियों को रक्षा कवच प्रदान किया है। गुजरात में टीकाकरण अभियान के अंतर्गत लोगों को टीके दिए जाने से अब तक तीसरी लहर के संक्रमण में काफ़ी कमी पाई गई है। उन्होंने कहा कि गुजरात में नागरिकों को अब तक 9 करोड़ 76 लाख 86 हज़ार 539 वैक्सीन डोज़ दी गई हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार ने पूर्व आयोजन के तहत पीएसए प्लांट की सुविधा व्यापक बनाई है। दुनिया के विकसित व आधुनिक शहरों में माने जाने वाले अहमदाबाद के नगरजनों को आज उनकी स्वास्थ्य-सुश्रुषा में वृद्धि के लिए एक साथ 19 ऑक्सीजन प्लांट प्राप्त हो रहे हैं। अहमदाबाद महानगर पालिका द्वारा 20 करोड़ रुपए के ख़र्च से तैयार किए गए इन प्लांट को अहमदाबाद के 3 बड़े जनरल अस्पतालों, 9 कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों तथा एक कोविड केयर सेंटर में लगाया गया है। 5000 से 2000 लीटर की क्षमता वाले ये प्लांट आवश्यकता के समय मरीज़ों की ऑक्सीजन की मांग पूरी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बहुत बढ़ी थी, जिसके कारण नए ऑक्सीजन प्लांट की आवश्यकता उत्पन्न हुई थी। सौभाग्य से तीसरी लहर के दौरान ऐसी किसी स्थिति का निर्माण नहीं हुआ है। इसका कारण है गुजरात में चल रहा व्यापक टीकाकरण अभियान। टीकाकरण के परिणामस्वरूप राज्य में आज कोरोना मरीज़ों का हॉस्पिटलाइज़ेशन कम हुआ तथा ऑक्सीजन की ज़रूरत भी कम पड़ी है। तीसरी लहर में कोरोना से ज़्यादातर ऐसे लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है। वैक्सीन नहीं लिए जाने के कारण शरीर में कोरोना के विरुद्ध शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति विकसित न होना स्वाभाविक है। ऐसे बहुत कम मामले देखने को मिल रहे हैं, जिनमें कोरोना संक्रमितों को वेंटिलेटर पर रख कर ऑक्सीजन देनी पड़ी हो।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने चुनौतियों से निपटने की क्षमता दी है। कोरोना की दो लहरों की दीव्रता के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों  ने चुनौती के रूप में स्वीकारा और सरकार का समग्र प्रशासन इस कार्य में जुटा तथा देश भर में ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गई। एयरफ़ोर्स के विमानों तथा नौसेना के जहाज़ों की भी मदद ली गई। केन्द्र सरकार ने रेलवे के सहयोग से 424 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाईं और देश के विभिन्न राज्यों में 1748 से अधिक टैंकरों से लगभग 30455 मैट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की। 
गुजरात ने मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन, संग्रह तथा आपूर्ति के मामले में प्राप्त की आत्मनिर्भरता
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली दो लहरों के अनुभव से हमने गुजरात के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था के मामले में आत्मनिर्भर बनने का आयोजन किया, जिसकी तैयारी के अंतर्गत हाल में राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में 445 पीएसए प्लांट कार्यरत् हैं तथा पीएम केयर्स फ़ंड के अंतर्गत गुजरात के लिए 89.91 मैट्क टन क्षमता वाले 59 प्लांट कार्यरत हो चुके हैं। इनमें सभी सांसदों व विधायकों के फ़ंड से भी 55 पीएसए प्लांट राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों को प्राप्त हुए हैं। इनकी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता लगभग 31.39 मैट्रिक टन है। उन्होंने कहा कि ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ वर्ष में प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संकल्प दिया है। हमें ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ बनाना है। गुजरात ने मेडिकल ऑक्सीजन के जनरेशन, स्टोरेज तथा आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने देश के हेल्थ इन्फ़्रास्ट्रक्चर को अधिक आधुनिक बनाने के लिए अनेक क़दम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने स्वदेशी मास वैक्सीनेशन, दवाइयों-ऑक्सीजन का उत्पादन तथा राज्यों को भी स्वास्थ्य रक्षा कवच तैयार करने के लिए निरंतर मार्गदर्शन दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि वर्तमान कोरोना महाहारी के चलते देश और दुनिया को ऑक्सीजन का महत्व समझ में आया है। लोगों में ग्रीन कवर बढ़ा कर प्राकृतिक प्राण वायु के प्रति समझ बढ़ी है। वायु, जल एवं भूमि प्रदूषण और क्लाइमेंट चेंज के दुष्प्रभावों को टालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने देश को क्लीन-ग्रीन एनर्जी का नया मार्ग दिखाया है। उनकी बनाई पगडंडी पर चल कर गुजरात पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना, टीकाकरण अभियान, ग्रीन एनर्जी उपभोग क्षेत्र में समग्र देश में हाल में अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि हम सभी को राज्य के सभी नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रखने की स्थिति का निर्माण करना है।
इस अवसर पर अहमदाबाद के महापौर  किरीटकुमार परमार ने 20 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए 19 पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के विषय में जानकारी दी। ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत होने से अस्पतालों के 1393 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध होगी और लिक़्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति का बोझ घटेगा। इनमें एसवीपी में 6, एल. जी. अस्पताल तथा शारदाबेन अस्पताल में 1-1, समरस अस्पताल में 2 तथा 9 कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में 9 पीएसए प्लांट कार्यरत किए गए हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री  रुषिकेशभाई पटेल, कुटीर उद्योग मंत्री  जगदीशभाई विश्वकर्मा, अहमदाबाद महानगर पालिका आयुक्त लोचन शहेरा, उप महापौर श्रीमती गीताबेन पटेल, सांसद एवं विधायक भी उपस्थित रहे।
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