रमीलाबेन गामित : आदिवासियों के लिए खर्च कर दी पूरी जिंदगी, अब भारत सरकार ने दिया ये सम्मान

रमीलाबेन गामित : आदिवासियों के लिए खर्च कर दी पूरी जिंदगी, अब भारत सरकार ने दिया ये सम्मान

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा, 7 गुजरातियों को मिलेगा पद्म पुरस्कार

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। वर्ष 2022 के पद्म पुरस्कार की घोषणा में 7 गुजरातियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। जिसमें स्वामी सच्चिदानंद को पद्म भूषण, सूरत के सावजी ढोलकिया को पद्मश्री, डॉ। लता देसाई को पद्मश्री, पद्मश्री को मालजी देसाई, पद्मश्री को रामिलाबेन गामित, खलील धनतेजवी को मरणोपरांत पद्मश्री, गुरुप्रसाद महापात्र को मरणोपरांत दिया जाएगा। पद्मश्री से सम्मानित रमीलाबेन गामित नाम कई लोगों के लिए नया है। लेकिन उनका प्रदर्शन आसमान छू रहा है।
तापी जिले की एक आदिवासी महिला ने स्वच्छता के क्षेत्र में तापी जिले को पूरे देश में गौरवान्वित किया है। इस गरीब आदिवासी महिला ने अपने गांव को स्वच्छ और आरामदायक बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है और सरकार के मिशन मंगल कार्यक्रम के तहत गांव की महिलाओं और पुरुषों को अपने गांव में 100% शौचालय बनाने के लिए राजी किया है और गांव को स्वच्छता के क्षेत्र में एक नई उम्मीद दिखाया है। इस आदिवासी महिला को उसके ऐसे कई कामों के लिए आज पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।
आदिवासी बहुल तापी जिले की टपरवाला गांव की आदिवासी महिला रमीलाबेन गामित ने सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्हें 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित महिला दिवस समारोह में सम्मानित किया गया था। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारत की दस महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस आदिवासी महिला ने अपने क्षेत्र में जनकल्याण की कहानी को जारी रखा है। आदिवासियों के कल्याण के लिए अथक प्रयासों के लिए आज महिला को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।