वकीलों के लिये आर्थिक संकट भरा रहा है कोरोना काल, कइयों ने शुरू किया नया काम

वकीलों के लिये आर्थिक संकट भरा रहा है कोरोना काल, कइयों ने शुरू किया नया काम

2 सालों में 600 से अधिक वकीलों ने लौटाई अपनी सदस्यता, बार असोशिएशन ने सरकार से की राहत पैकेज की मांग

लोकडाउन के कारण हर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। चाहे वो टेक्सटाइल हो या हीरा उद्योग, हर किसी को कोरोना महामारी के कारण हुये लोकडाउन की मार पड़ी थी। ऐसे में लोगों को न्याय दिलाने में उनकी सहायता करने वाले वकील भी कोरोना की चपेट से नहीं बच पाये है। महामारी के दौरान आर्थिक कारणों से परेशान हुए कई वकीलों ने बार काउंसिल में से अपनी पदवी को वापिस दे दिया है। 
महामारी के कारण पिछले 14 महीनों से वकीलों का काम धंधा भी बंद हो गया है। कोर्ट के फिजिकली बंद होने के कारण राज्य के कई वकीलों को उसकी असर हुई है। जिसके चलते कई वकीलों ने दूसरा काम भी शुरू कर दिया है। साल 2020-21 में 476 और इस साल भी लगभग 100 से अधिक वकीलों ने बार काउंसिल में जाकर अपनी पदवी को वापिस कर दिया है। 
महामारी की सबसे अधिक असर ट्रायल कोर्ट के वकील कर रहे है। सीनियर कानून विशेषज्ञ प्रकाश पटेल के अनुसार, तहसील और जिला कक्षा में ब्नाय गई कोर्टों में मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करवाकर कोर्ट को चालू रखा जा सकता है। लंबे समय तक कोर्ट बंद रहे होने के कारण वकीलों का यह समय काफी खराब रहा है। अन्य एक धाराशास्त्री चेतन शाह के अनुसार, कोरोना के कारण कोर्ट बंद होने के कारण वकीलों की हालत काफी बिगड़ गई है। समाज में वकीलों की एक अलग पहचान होती है, जिसके कारण वह किसी के सामने हाथ नहीं फैला सकते और ना ही कोई अन्य व्यवसाय कर सकते है। 
बार असोशिएशन के सदस्य, गुलाबखान पठान के अनुसार बार काउंसिल ने पिछले 5 महीनो में कोरोना से संक्रमित हुये 2265 वकीलों को 3 करोड़ सहाय के तौर पर दिये थे। जबकि 2021 में मृत्यु को प्राप्त हुये 208 वकीलों के वारिसों को 5 करोड़ दिये थे, साल 2020 में भी 328 वकीलों के वारिसों को 9 करोड़ दिये थे। पर अब बार असोशिएशन के पास भी फंड की कमी होने लगी है। जिसके चलते बार असोशिएशन ने सरकार के पास राहत पैकेज की भी मांग की है। 
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