गुजरात : महामारी के बीच बीच भी अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे है पुलिस के जवान, अब तक 107 लोगों की जा चुकी है जान

गुजरात : महामारी के बीच बीच भी अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे है पुलिस के जवान, अब तक 107 लोगों की जा चुकी है जान

दिन-रात खड़े ड्यूटी करने के बावजूद खुद पुलिस अधिकारियों को भी नहीं मिल पा रहे है समय पर बेड

कोरोना के कारण कई लोगों ने अपने स्वजनों को खोया हैं। कोरोना ने ऐसा तांडव मचाया है कि लोग लाचार हो गए है। दवा, इंजेक्शन और हॉस्पिटलों के चक्कर में दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हो गए हैं। कोरोना काल में लगातार लोगों की सेवा में व्यस्त पुलिस डिपार्टमेंट ने भी कई लोगों को को गंवा दिया। गुजरात में कोरोना के कारण एक साल में आर्म्स युनिट के डीआईजी एम. के नायक सहित 107 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मौत हो गई। जिसमें अहमदाबाद के दरियापुर के पीआई जे बी चावड़ा का समावेश भी होता है।
कोरोना ने भारत में मार्च 2020 से हाहाकार मचाना शुरु किया है। लगातार केस बढ्ने के बावजूद मनपा की और पंचायत के चुनाव किए गए। बढ़ते हुये केसों के बीच भी सरकारी नेताओं की कोई भी मूवमेंट कम नहीं हुई। जिसके चलते पुलिस वालों को लगातार उनकी सुरक्षा के लिए खड़ा रहना पड़ता। चुनाव के बंदोबस्त से लेकर विजयी रेलियों के बीच भी पुलिस को अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुये उनकी सुरक्षा में पूरे-पूरे दिन खड़ा रहना पड़ता। 
पुलिस डिपार्टमेंट डिसिप्लीन डिपोर्टमेन्ट होने के नाते इसका कोई यूनियन नहीं है। जिसके चलते अन्य यूनियनों की तरह पुलिस डिपार्टमेंट सरकार की नाक नहीं दबा सकते।  अबतक कोरोना के कारण लगभग 80 से अधिक पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। जिसमें अहमदाबाद में 20 और वड़ोदरा में 13 पुलिस कर्मचारियों की मौत हुई है और कई कर्मचारी अभी भी उपचाराधीन है। कोरोना काल में एक और जहां लोग घरों में रहना पसंद करते हैं, वहीं बंदोबस्त के नाम पर पुलिस को दिन-रात दौड़ाया जाता है।
हालांकि इसके बावजूद जब समय आता है, तो इन पुलिसवालों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा। कुछ ऐसे ही के मामले में गांधीनगर पुलिस कर्मचारी का एक मामला सामने आया था। जो की कोरोना संक्रमित हो गया था। कर्मचारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनके परिवार जनों ने एक उच्च अधिकारी का संपर्क करके हॉस्पिटल में बेड दिलाने के लिए कहा। लेकिन उन्हें हॉस्पिटल में बेड नहीं मिला और ऑक्सीजन नहीं होने के कारण उनकी मौत हो गई। 
पुलिस के साथ ड्यूटी निभाने वाले होम गार्ड और टीआरपी के जवानो में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। जिसमें अब तक 22 जवान संक्रमण के कारण मृत्यु को प्राप्त हुये थे। एक सीनियर आईपीएस अधिकारी का बेटा कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद पुलिस अधिकारी हॉस्पिटल में लेकर गए थे, लेकिन उन्हें भी बेड की व्यवस्था नहीं मिली और उन्होंने बेटे को घर पर ही जाकर उपचार शुरू करवाया था। ऐसे में लोगों की दिन रात सेवा करने वाले पुलिस अधिकारियों को इस तरह की असुविधा होना वाकई काफी दयनीय है।