गुजरात : महंगे होते नारियल देख किसान को गरीब मरीजों की याद आई और अपनी पूरी फसल अस्पताल में दान कर दी!

गुजरात : महंगे होते नारियल देख किसान को गरीब मरीजों की याद आई और अपनी पूरी फसल अस्पताल में दान कर दी!

कोरोना काल में सकारात्मक खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करने के लोकतेज के क्रम को जारी रखते हुए आज आपके सामने गुजरात के सौराष्ट्र अंचल के एक किसान की बात साझा करनी है। उन्होंने अपने खेत में ऊगी नारियल की पूरी फसल जूनागढ़ सिविल अस्पताल में चिकित्सारत मरीजों को भेज दी। 
मानवता को महकाने वाली इस कहानी के मुख्य किरदार हैं मालिया हाटी तहसील के लाडुडी गांव के 80 वर्षीय बुजुर्ग किसान जेताभाई गोरड। मेरान्यूज.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार जेताभाई गोरड की 30 बीघा में आम की बाड़ी है और उसके आसपास लगभग 300 नारियल के पेड़ हैं जिनमें एक हजार से अधिक नारियल के के फाल उपजते हैं। इस बार कोरोना के कारण इम्युनिटी बूस्टर के लिये लोग बड़े पैमाने पर नारियल का उपभोग कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग उनके खेत पर भी आते थे और नारियल ले जाते थे। इसी कारण इन दिनों नारियल के भाव भी काफी बढ़ गये हैं। आम आदमी की जेब पर ये नारियल भारी पड़ने लगे हैं। ऐसे में सेवाभावी जेताभाई के मन में विचार आया कि जो लोग नारियल का खर्च वहन नहीं कर पाते होंगे उनकी जरूरत की पूर्ति कैसे होती होगी। ऐसे में उन्होंने निर्णय किया कि इस बार की नारियर की पूरी फसल वे जूनागढ़ के सिविल अस्पताल को दान कर देंगे। 
किसान जेताभाई गोरड (Photo Credit : meranews.com)
जेताभाई ने पास के गांव से तीन मजदूरों को बुलाकर उन्हें उनकी मजदूरी चुका कर पेड़ से नारियल उतरवाये और वाहन में अपने खर्च पर पूरी फसल जूनागढ़ सिविल अस्पताल पहुंचा दी। अस्पताल में पहले से मरीजों को निःशुल्क भोजन सुविधा मुहैया करवाने वाले राजेशभाई चुडासमा ने सभी नारियल टिफिन के साथ मरीजों में वितरित कर दिये।
इस कहानी से सबक यही मिलता है कि वर्तमान संकट के दौर में कोई भी व्यक्ति चाहे तो अपने स्तर पर जरूरतमंदों की मदद कर सकता है। यह मदद किसी भी रूप में हो सकती है। आपके पास कोई चीज-वस्तु है जो किसी मरीज या जरूरतमंद  आम आदमी के काम आये तो उसका दान किया जाना चाहिये। अरे, आपके पास कुछ नहीं है और आपमें सहायता करने का जज्बा है तो आप अपना समय भी दान कर सकते हैं और सेवाभावी संस्थाओं के साथ जुड़कर मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं।