गुजरातः हाइकोर्ट की सख्त टिप्पणी, लापता किशोरी को 2 सप्ताह में ढूढें, नहीं तो डीसीपी अदालत में पेश हों

गुजरातः हाइकोर्ट की सख्त टिप्पणी, लापता किशोरी को 2 सप्ताह में ढूढें, नहीं तो डीसीपी अदालत में पेश हों

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निर्देश दिया है कि दो महीने से लापता 15 वर्षीय किशोरी को दो सप्ताह के भीतर ढूढ निकाले

किशोरी के नहीं मिलने पर जोन -6 के डीसीपी ए.एम. मुनिया को 7 अप्रैल को अदालत में पेश होना होगा 
अहमदाबाद के इसानपुर इलाके से  गत 18 जनवरी को 10 वीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 वर्षीय लड़की लापता हो गई थी। दो महीने बाद भी पुलिस को उस किशोरी के बारे में कोई सुराग नहीं मिला पाया है। जिससे पिता ने गुजरात उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। सुनवाई बुधवार के लिए निर्धारित थी। हाईकोर्ट की बेंच ने निर्देश दिया  कि दो महीने से लापता 15 वर्षीय लड़की को दो सप्ताह के भीतर ढूढ लिया जाये  अन्यथा जोन -6 के डीसीपी एएम मुनिया को 7 अप्रैल को अदालत में पेश होना होगा। 
किशोरी कैसे लापता हो गई?
याचिकाकर्ता के पिता के अनुसार, उनका 13 वर्षीय बेटा 18 जनवरी को सुबह 7 बजे उनकी बेटी यानी अपनी बहन को स्कूल छोड़ने गया था। जब दोपहर 12 बजे स्कूल में उसे लेने गया तो वह वहां नहीं थी। शिक्षकों ने कहा कि आज सुबह से वह स्कूल नहीं आई है।  बेटे ने परिवार को सूचित किया और किशोरी की तलाश शुरू की गई।  जब उन्हें स्कूल और साथ ही कालूपुर रेलवे स्टेशन के आसपास के इलाके से किशोरी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो परिवार ने इसानपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई
 याचिकाकर्ता के पिता ने अदालत में याचिका दायर  किया था कि शिकायत दर्ज किए लगभग 2 महीने हो चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक लड़की तक नहीं पहुंच पाई है। वह किस परिस्थति में होगी कोई खबर नहीं है अब उसकी जीवन खतरे में है।  
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