सूरत में लोकसंस्कृति का उत्सव, डीजे से दूर युवाओं को पारंपरिक संगीत से जोड़ने का अनूठा प्रयास

अलथाण के सी.बी. स्पोर्ट्स कैंपस में लोकगीत कार्यक्रम, गीतों की धुन पर छात्र-छात्राएं झूमते और गरबा-डांडिया खेलते नजर आए

सूरत में लोकसंस्कृति का उत्सव, डीजे से दूर युवाओं को पारंपरिक संगीत से जोड़ने का अनूठा प्रयास

शहर में गुजराती संस्कृति की भव्य झलक उस समय देखने को मिली, जब युवाओं को डीजे की चकाचौंध से हटाकर लोकसंस्कृति से जोड़ने का अनूठा प्रयास किया गया। अलथाण स्थित सी.बी. स्पोर्ट्स कैंपस में स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए आयोजित लोकगीत कार्यक्रम में हजारों छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक संगीत, गरबा और डांडिया का आनंद लिया।

सी.बी. स्पोर्ट्स कैंपस का विशाल प्रांगण उस समय रंग-बिरंगे लोकसंस्कृति के रंगों में रंग गया, जब इस भव्य आयोजन का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें आधुनिक डीजे संस्कृति से हटकर लोकपरंपराओं से जोड़ना रहा। यह आयोजन कैंपस के अध्यक्ष पंकजभाई गिजुभाई पटेल के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में गुजरात के प्रसिद्ध लोकगायक ओस्मान मीर और आमिर मीर को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। पिता-पुत्र की इस लोकप्रिय जोड़ी ने लोकगीतों और सूफी धुनों की मनमोहक प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को संगीतमय बना दिया। गीतों की धुन पर छात्र-छात्राएं झूमते और गरबा-डांडिया खेलते नजर आए। 

Mishraji

इस अवसर पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विद्यार्थियों द्वारा दोनों अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर भव्य स्वागत एवं सम्मान किया गया।

इस सांस्कृतिक आयोजन में 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक शामिल हुए। लोकगीतों की मधुर धुनों पर पूरा परिसर उत्सव में परिवर्तित हो गया। आयोजकों का कहना है कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवा पीढ़ी में सांस्कृतिक चेतना, परंपराओं के प्रति सम्मान और सामाजिक जुड़ाव को मजबूत करते हैं। कुल मिलाकर, सूरत में आयोजित यह लोकगीत कार्यक्रम केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने की एक सार्थक और प्रेरणादायी पहल के रूप में सामने आया।

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