सूरत : भारत विकास परिषद, पश्चिम क्षेत्र का क्षेत्रीय अधिवेशन 3–4 जनवरी को 

वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में जुटेंगे पश्चिम भारत के 800 से अधिक कार्यकर्ता

सूरत : भारत विकास परिषद, पश्चिम क्षेत्र का क्षेत्रीय अधिवेशन 3–4 जनवरी को 

सेवा और संस्कार के माध्यम से स्वस्थ, समर्थ एवं संस्कारित भारत की परिकल्पना को साकार करने में जुटे भारत विकास परिषद, पश्चिम क्षेत्र का क्षेत्रीय अधिवेशन आगामी 3 एवं 4 जनवरी 2026 को सूरत स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के कन्वेंशन हॉल में आयोजित किया जाएगा।

अधिवेशन की जानकारी देते हुए भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री दुर्गा दत्त शर्मा ने बताया कि परिषद राष्ट्रीय विचारधारा से प्रेरित भारत का सबसे बड़ा पारिवारिक संगठन है, जो देशभर में 1800 से अधिक शाखाओं और दो लाख से अधिक सदस्यों के माध्यम से सुसंस्कृत समाज निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। परिषद संस्कार प्रकल्पों के जरिए विद्यार्थियों में संस्कारों का सिंचन करती है, वहीं विकलांग साधन सहायता, वैद्यकीय सहायता सहित अन्य सेवा प्रकल्पों के माध्यम से अंत्योदय की भावना से समाज सेवा करती है।

उन्होंने बताया कि परिषद महिला कार्यों के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत, कौशल वर्धन, संस्कार एवं धार्मिक कार्यक्रम, एनीमिया मुक्त भारत अभियान संचालित कर रही है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में पौधारोपण, जल संचय, वायु प्रदूषण नियंत्रण और वेस्ट मैनेजमेंट जैसे विषयों पर जागरूकता एवं सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। परिषद पारिवारिक मिलन के साथ-साथ राष्ट्रीय पर्वों और कार्यक्रमों को भी पारिवारिक भावना के साथ मनाती है।

राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया कि भारत विकास परिषद देशभर में 10 क्षेत्रों एवं 79 प्रांतों के अंतर्गत चार स्तरीय कार्यपद्धति से कार्य कर रही है। पश्चिम क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा—इन तीन राज्यों को सम्मिलित किया गया है, जहां परिषद के कुल 10 प्रांत एवं 154 शाखाएं सक्रिय हैं। क्षेत्रीय अधिवेशन का उद्देश्य प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर के बीच सेतु बनाना, नए कार्यक्रमों की योजना बनाना, प्रांतीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं में से क्षेत्रीय विजेताओं का चयन करना तथा कार्यकर्ता निर्माण हेतु अभ्यास वर्ग एवं अधिवेशन आयोजित करना है।

भारत विकास परिषद के पश्चिम क्षेत्र के अंतर्गत गुजरात दक्षिण प्रांत में 9 जिलों में 11 शाखाएं सक्रिय हैं, जिनके माध्यम से 15,000 से अधिक विद्यार्थी संस्कार प्रकल्पों से जुड़े हुए हैं। सेवा कार्यों में जनजातीय क्षेत्रों में विशेष योगदान दिया जा रहा है। पर्यावरण के क्षेत्र में परिषद द्वारा किए गए जागरूकता और उदाहरणीय कार्यों के चलते शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किए जा रहे हैं। संघ के शताब्दी वर्ष के दौरान परिषद का लक्ष्य प्रत्येक जिले को ‘कार्ययुक्त जिला’ बनाना है।

पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष एल. आर. जाजू ने बताया कि बच्चों में राष्ट्रीय भावना जागृत करने के उद्देश्य से ‘भारत को जानो’ प्रतियोगिता का आयोजन भी परिषद द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्रीय अधिवेशन में केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल, गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी, परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन सहित अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी शामिल होंगे। अधिवेशन में पश्चिम क्षेत्र से लगभग 800 से अधिक सदस्यों की सहभागिता रहने की संभावना है।

इस अवसर पर दक्षिण गुजरात प्रांत के अध्यक्ष धर्मेश शाह, सचिव पुष्पक काका, वित्त सचिव प्रधुमन जरीवाला, कौस्तुभ परिख, हितेश अग्रवाल, विपुल जरीवाला, भावेश ओझा सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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