सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स में ‘अनजान मानसिक बीमारियां’ पर जागरूकता सेमिनार आयोजित
साइकेट्रिस्ट डॉ. मुकुल चोकसी ने साइकोसोमैटिक, हिडन और फंक्शनिंग डिप्रेशन के लक्षणों व बचाव पर दी विस्तार से जानकारी
सूरत। सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) द्वारा समृद्धि, नानपुरा में ‘अनरिकग्नाइज्ड मेंटल इलनेस’ (अनजान मानसिक बीमारियां) विषय पर एक पब्लिक अवेयरनेस सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर शहर के प्रख्यात साइकेट्रिस्ट डॉ. मुकुल चोकसी ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई अनदेखे पहलुओं पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया।
डॉ. चोकसी ने साइकोसोमैटिक्स को एक विज्ञान बताते हुए कहा कि मन स्वयं को शरीर के माध्यम से अभिव्यक्त करता है। शरीर के प्रत्येक अंग पर मन का अदृश्य नियंत्रण होता है, जो वॉलंटरी और इनवॉलंटरी—दो प्रणालियों के जरिए काम करता है। इनवॉलंटरी सिस्टम, जिसे ऑटोनॉमस नर्वस सिस्टम कहा जाता है, अपने आप कार्य करता है और मन से प्रभावित होता है।
उन्होंने हिडन डिप्रेशन, फंक्शनिंग डिप्रेशन और साइलेंट डिप्रेशन को फंक्शनल एनार्की की श्रेणी में रखते हुए बताया कि ऐसे मामलों में व्यक्ति बाहर से सामान्य दिखाई देता है, अपने कामकाज और पढ़ाई में भी सक्षम रहता है, लेकिन भीतर से खुशी और संतोष की अनुभूति नहीं कर पाता।
मानसिक प्रतिक्रियाओं को समझाते हुए डॉ. चोकसी ने कहा कि हर व्यक्ति की सोच, काबिलियत और भावनात्मक स्तर अलग-अलग होता है, इसलिए किसी भी परिस्थिति में उसकी प्रतिक्रिया भी भिन्न होती है। गुस्से या भावनाओं पर नियंत्रण न होना मानसिक असंतुलन का संकेत हो सकता है।
मेंटल डिप्रेशन से बचाव के लिए उन्होंने नियमित व्यायाम, खेल, योग-प्राणायाम, ध्यान, वॉक, सामाजिक मेलजोल, पढ़ने और मनपसंद गतिविधियों में सक्रिय रहने की सलाह दी।
कार्यक्रम में चैंबर के प्रेसिडेंट निखिल मद्रासी ने स्वागत भाषण दिया। ग्रुप चेयरमैन राकेश गांधी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि पब्लिक हेल्थ कमिटी के को-चेयरमैन डॉ. राजन देसाई ने सेशन का संचालन किया। इस अवसर पर चैंबर के शिक्षा एवं कौशल विकास केंद्र के चेयरमैन महेश पमनानी सहित बड़ी संख्या में चैंबर सदस्य उपस्थित रहे।
