अब ऑटो लोन डिफॉल्टर की खैर नहीं: GPS से भी एडवांस टेक्नोलॉजी (FBRT) अपना रहे हैं बैंक और NBFC
नई दिल्ली, दिसंबर 19: भारत के ऑटोमोबाइल और फाइनेंस सेक्टर में एक बड़ा और निर्णायक बदलाव देखने को मिल रहा है। Urja Adani Group एक ऐसी अत्याधुनिक तकनीक को बाजार में ला रहा है, जो वाहन ट्रैकिंग और ऑटो लोन इंडस्ट्री की दिशा ही बदल सकती है।
इस नई तकनीक का नाम है FBRT – Fuel Burn Radiation Technology, जिसके जरिए अब बिना GPS के भी किसी भी वाहन को ट्रैक करना संभव होगा। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स इसे ऑटो लोन रिकवरी सिस्टम के लिए एक ऐतिहासिक रिवेलेशन मान रहे हैं।
इस अत्याधुनिक तकनीक के इनोवेटर Dr. मुरतज़ा अली हमीद (Dr. Murtaza Ali Hamid) हैं, जबकि Urja Adani Group के Managing Director मीनिश अडानी (Meenish Adani) के नेतृत्व में इस तकनीक को कमर्शियल स्तर पर लॉन्च किया जा रहा है। दोनों के संयुक्त प्रयास से यह तकनीक अब बैंकिंग, NBFC और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े बदलाव की वजह बनने जा रही है।
क्या है FBRT – Fuel Burn Radiation Technology?
FBRT एक एडवांस टेक्नोलॉजी है, जो वाहन के फ्यूल बर्न प्रोसेस के दौरान उत्पन्न होने वाले रेडिएशन पैटर्न का विश्लेषण कर वाहन की लोकेशन और मूवमेंट को ट्रैक करती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें GPS, सैटेलाइट या मोबाइल नेटवर्क पर कोई निर्भरता नहीं होती।
जहां GPS आधारित सिस्टम को जैमर या तकनीकी छेड़छाड़ के जरिए आसानी से निष्क्रिय किया जा सकता है, वहीं FBRT टेक्नोलॉजी वाहन की मूल कार्यप्रणाली से जुड़ी होने के कारण उसे बंद करना या उससे छेड़छाड़ करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
भारत में पिछले वित्तीय वर्ष में ऑटो लोन NPA करीब ₹89,000 करोड़ रहा, जो कि कुल दिए गए ऑटो लोन का लगभग 20% है। यह आंकड़ा अपने आप में बेहद बड़ा और चिंताजनक है। बैंक और NBFC लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं, क्योंकि डिफॉल्ट किए गए वाहनों को ट्रैक करना और रिकवर करना सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।
लेकिन अब FBRT टेक्नोलॉजी के आने से इस भारी ऑटो लोन NPA संकट को खत्म किया जाना संभव होता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब वाहन को बिना GPS के भी ट्रैक किया जा सकेगा, तो जानबूझकर ऑटो लोन डिफॉल्ट करने वालों पर सख्त लगाम लगाई जा सकेगी।
ऑटो लोन इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव
FBRT टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा असर ऑटो लोन इंडस्ट्री में देखने को मिलेगा। इस तकनीक के जरिए बैंक और NBFC बिना GPS के भी ऑटो लोन डिफॉल्ट वाहनों की सटीक लोकेशन और मूवमेंट की जानकारी हासिल कर सकेंगे। इससे ऑटो लोन रिकवरी प्रोसेस न सिर्फ तेज होगा, बल्कि रिकवरी कॉस्ट भी काफी हद तक कम हो जाएगी।
इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार, Tata Finance, Cholamandalam Finance, Shriram Finance, SBI, Axis Bank और HDFC Bank जैसी प्रमुख बैंकिंग और फाइनेंस संस्थाएं अगले वित्तीय वर्ष से FBRT टेक्नोलॉजी को अपने ऑटो लोन सिस्टम में अपनाने की तैयारी कर रही हैं।
अन्य सेक्टर्स में भी उपयोग
हालांकि FBRT टेक्नोलॉजी का मुख्य फोकस ऑटो लोन रिकवरी है, लेकिन इसके उपयोग की संभावनाएं इससे कहीं आगे तक जाती हैं। लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, इंश्योरेंस, कमर्शियल फ्लीट मैनेजमेंट और सरकारी एजेंसियां भी इस तकनीक में रुचि दिखा रही हैं। चोरी हुए वाहनों की पहचान और फ्लीट मॉनिटरिंग में भी यह तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है।
Urja Adani Group के MD मीनिश अडानी का कहना है कि कंपनी का उद्देश्य सिर्फ एक नई तकनीक लॉन्च करना नहीं, बल्कि भारत की ऑटो लोन इंडस्ट्री को सुरक्षित, पारदर्शी और भविष्य के लिए तैयार बनाना है। वहीं Dr. मुरतज़ा अली हमीद का मानना है कि FBRT टेक्नोलॉजी भारत से निकलकर ग्लोबल लेवल पर ऑटोमोबाइल ट्रैकिंग का नया बेंचमार्क स्थापित करेगी।
कुल मिलाकर, FBRT टेक्नोलॉजी का बाजार में आना यह साफ संकेत देता है कि अब ऑटो लोन डिफॉल्टर्स की खैर नहीं। GPS से भी आगे निकल चुकी यह तकनीक न केवल वाहन ट्रैकिंग को नया आयाम देगी, बल्कि ₹89,000 करोड़ के ऑटो लोन NPA जैसी बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में भी एक निर्णायक कदम साबित हो सकती है।
