सूरत : भीमराड में कंस्ट्रक्शन साइट पर मिट्टी धंसी, दो रेजिडेंशियल टावर खाली कराए गए
लापरवाही पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई: बिल्डर, आर्किटेक्ट और इंजीनियर के लाइसेंस 6 महीने के लिए सस्पेंड, 'कारण बताओ' नोटिस जारी
सूरत। सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अठवा जोन के भीमराड इलाके में मंगलवार देर रात एक अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के दौरान भारी मात्रा में मिट्टी धंसने की घटना सामने आई। हादसे की गंभीरता को देखते हुए पास की शिव रेजीडेंसी के दो टावरों को तुरंत खाली करा लिया गया है।
ब्राइटस्टोन प्रोजेक्ट के तहत चल रहे निर्माण कार्य में एक साथ तीन बेसमेंट की खुदाई की जा रही थी, इसी दौरान D-वॉल क्षतिग्रस्त हो गई और बड़ी मात्रा में मिट्टी लैंडस्लाइड के रूप में नीचे खिसक गई।
मिट्टी धंसने से पास की दो रिहायशी इमारतों पर खतरा पैदा हो गया, जिसके चलते प्रशासन ने एहतियातन दोनों इमारतों को खाली करा लिया। अचानक हुई इस घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला।
जानकारी के अनुसार, टी.पी. स्कीम नंबर 42 (भीमराड) के एफ. प्लॉट नंबर 60 पर स्थित इस प्रोजेक्ट के लिए डेवलपर को मई 2025 में निर्माण की अनुमति दी गई थी। नगर निगम ने 29 मई को खुदाई और निर्माण से संबंधित नोटिस जारी किया था, जिसके बाद 10 जून को डेवलपर द्वारा हलफनामा भी दिया गया। इसके बावजूद 30 जून को दोबारा नोटिस जारी किया गया था। इन चेतावनियों के बावजूद मंगलवार रात D-वॉल और परिसर की दीवार गिर गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम के सेंट्रल अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट और अठवा जोन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने ब्राइटस्टोन प्रोजेक्ट्स से जुड़े आर्किटेक्ट, स्ट्रक्चरल इंजीनियर और साइट सुपरवाइजर का लीव लेटर निलंबित कर दिया है और उनके लाइसेंस छह महीने के लिए सस्पेंड किए गए हैं। साथ ही, कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब मांगा गया है कि लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द क्यों न किया जाए।
प्रोजेक्ट में तीन बेसमेंट की खुदाई के दौरान मिट्टी को संभालने के लिए बनाई गई D-वॉल काम के दबाव में टूट गई, जिससे एक के बाद एक तीनों बेसमेंट में मिट्टी भर गई।
इस लापरवाही से बगल की शिव रेजीडेंसी को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया। नगर निगम ने सुरक्षा के मद्देनज़र शिव रेजीडेंसी के दो टावर खाली कराए हैं।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह हादसा बिल्डर और संबंधित एजेंसियों की लापरवाही का नतीजा है। लोगों का कहना है कि समय रहते सख्ती बरती जाती तो ऐसी स्थिति नहीं बनती। फिलहाल प्रशासन द्वारा इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आगे किसी बड़े हादसे को रोकने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है।
