वडोदरा : राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने भायली में श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में लिया भाग
श्री कृष्ण गौशाला जनता को समर्पित कर किया गौपूजन, वैदिक ज्ञान और प्राकृतिक खेती पर दिया प्रेरक संदेश
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने शुक्रवार को वडोदरा शहर के भायली क्षेत्र में आर्ष विद्या मंदिर द्वारा स्थापित श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं कुंभाभिषेक महोत्सव में सहभागिता की। इस अवसर पर उन्होंने श्री कृष्ण गौशाला को जनता को समर्पित किया तथा विधिवत गौपूजन भी किया।
महोत्सव के दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने कहा कि भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा और संत-महात्माओं द्वारा दिया गया शाश्वत ज्ञान ही मानव जीवन का मूल आधार है। उन्होंने कहा कि मनुष्य ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बाहरी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं, लेकिन काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और अज्ञान जैसे आंतरिक शत्रुओं पर विजय पाने का एकमात्र मार्ग अध्यात्म और वैदिक ज्ञान ही है। उन्होंने पूज्य स्वामी परमात्मानंदजी, स्वामी परमानंदजी एवं पूरी गुरु-शिष्य परंपरा की इस ज्ञान परंपरा को जीवित रखने के लिए सराहना की।
राज्यपाल ने आर्ष विद्या मंदिर द्वारा संचालित शिक्षा परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां बालिकाओं को भगवद गीता के अध्ययन के माध्यम से आध्यात्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जा रही है, जो राष्ट्र निर्माण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने गौशाला की नव-निर्मित इमारत और गाय आधारित प्राकृतिक खेती के कार्यक्रमों को भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान का प्रतीक बताया।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि वेदों में गाय को विश्व की माता कहा गया है। रासायनिक खेती के बढ़ते प्रयोग के कारण आज मधुमेह, कैंसर, किडनी और पैंक्रियास जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से फैल रही हैं, जो पचास वर्ष पूर्व समाज में लगभग अनजान थीं। उन्होंने यूरिया एवं रासायनिक खादों का त्याग कर गाय आधारित शुद्ध देसी प्राकृतिक खेती अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने भारतीय संस्कृति, वैदिक ज्ञान और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में आर्ष विद्या मंदिर एवं इसकी गुरु-शिष्य परंपरा द्वारा किए जा रहे योगदान की सराहना की। कार्यक्रम में आर्ष विद्या मंदिर के संतगण, भक्तगण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
