सूरत : वस्त्र निर्यात और नीति पर मंथन, मंत्रा और एसजीसीसीआी ने आयोजित की संयुक्त संगोष्ठी

निखिल मद्रासी ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए सरकारी नीतियाँ समझने की ज़रूरत पर दिया ज़ोर; एस.पी. वर्मा और विरल शाह ने बताए एक्सपोर्ट के मौके

सूरत : वस्त्र निर्यात और नीति पर मंथन, मंत्रा और एसजीसीसीआी ने आयोजित की संयुक्त संगोष्ठी

सूरत। मानव निर्मित वस्त्र अनुसंधान संघ (मंत्रा) और दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) द्वारा सरसाना स्थित एसआईईसीसी परिसर में “भारतीय वस्त्रों के लिए नीतिगत ढांचा: वर्तमान परिदृश्य और भविष्य की संभावनाएं” तथा “भारतीय वस्त्र निर्यात: वर्तमान परिदृश्य को समझना” विषयों पर संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम में सूरत के कपड़ा निर्माता और निर्यातक बड़ी संख्या में शामिल हुए।

एसजीसीसीआई के अध्यक्ष निखिलभाई मद्रासी ने स्वागत भाषण दिया और सूरत के टेक्सटाइल सेक्टर के लिए सरकारी नीतियों और निर्यात आवश्यकताओं को समझने की जरूरत पर प्रकाश डाला। उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने उद्घाटन संबोधन प्रस्तुत किया।

मंत्रा के चेयरमैन रजनीकांत बचकानीवाला ने कार्यक्रम के उद्देश्य और इसकी उपयोगिता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री को नई नीतियों और अवसरों का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।

कार्यक्रम में वेल्थ विजडम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रोडक्ट डेवलपमेंट सेंटर के डायरेक्टर एस.पी. वर्मा ने “इंडियन टेक्सटाइल्स के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क: मौजूदा हालात और भविष्य की संभावनाएं” विषय पर प्रस्तुति दी। उन्होंने सरकार की विभिन्न नीतियों, स्कीमों और उनसे उद्योग को होने वाले लाभों की विस्तार से जानकारी दी।

इसके बाद एक्सपोर्ट इम्पोर्ट लीडरशिप इंस्टीट्यूट के फाउंडर एवं डायरेक्टर विरल शाह ने “इंडियन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स: मौजूदा हालात को समझना” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से सूरत के उद्योगों को निर्यात पर फोकस बढ़ाने की सलाह दी और संभावित वैश्विक अवसरों को पहचानने पर बल दिया।

संगोष्ठी के दौरान विशेषज्ञों ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए सरकारी स्कीमों, नीतिगत बदलावों, मूल्य शृंखला में हो रहे परिवर्तन और एक्सपोर्ट-ड्रिवेन स्ट्रेटेजी पर उद्योग जगत को जागरूक किया। उद्देश्य यह था कि सूरत की टेक्सटाइल कम्युनिटी सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाकर वैश्विक बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सके।

कार्यक्रम का संचालन मंत्रा के पर्यावरण विभाग के हेड हिमांशु देसाई ने किया, जबकि मंत्रा के सेक्रेटरी प्रफुल्ल गांधी ने सभी अतिथियों और आयोजन में सहयोग देने वालों का आभार व्यक्त किया।