प्रधानमंत्री मोदी जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जोहानिसबर्ग पहुंचे

प्रधानमंत्री मोदी जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जोहानिसबर्ग पहुंचे

जोहानिसबर्ग, 21 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे। उन्होंने शिखर सम्मेलन से इतर विश्व नेताओं के साथ मुलाकात में प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर “सार्थक चर्चा” होने की उम्मीद जताई।

मोदी गौतेंग स्थित वाटरलूफ वायुसैनिक अड्डे (एएफबी) पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दक्षिण अफ्रीकी वायु सेना की ओर से उन्हें रेड कार्पेट पर सलामी दी गई।

हवाई अड्डे पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भवन में मंत्री खुम्बुद्जो एनत्शावेनी ने मोदी की अगवानी की। एक सांस्कृतिक दल ने उनके स्वागत में पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए।

प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “जी-20 शिखर सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों के लिए जोहानिसबर्ग पहुंच गया हूं। प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा की आशा करता हूं। हमारा ध्यान सहयोग को मजबूत करने, विकास प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने पर होगा।”

यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है। 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का सदस्य बना था।

जब मोदी होटल पहुंचे, तो बच्चों के एक समूह ने गणपति प्रार्थना का पाठ करके उनका स्वागत किया। स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए, जिसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों की सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की गई।

प्रधानमंत्री ने वैदिक मंत्रों का पाठ कर रहे बच्चों से बातचीत भी की। वह संगीतमय प्रस्तुतियों की धुनों पर तालियां बजाते नजर आए। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से हाथ मिलाया और बातचीत की, जो ‘मोदी-मोदी’ का नारा लगा रहे थे।

मोदी ने कहा, “मैं जोहानिलबर्ग में भारतीय समुदाय से मिले गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत महसूस कर रहा हूं। यह स्नेह भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच के अटूट बंधन को दर्शाता है। ये संबंध इतिहास में निहित हैं और साझा मूल्यों से और भी मजबूत होते जा रहे हैं!”

उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक संबंध “सचमुच दिल को छू लेने वाले और शाश्वत” हैं।

मोदी ने कहा, “जोहानिसबर्ग में मेरे युवा मित्रों ने गणपति प्रार्थना, शांति मंत्र और अन्य दिव्य प्रार्थनाओं का बड़ी श्रद्धा से पाठ किया। ऐसे पल हमारे लोगों के बीच के अटूट बंधन की पुष्टि करते हैं।”

शिखर सम्मेलन से इतर मोदी के जोहानिसबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी संभावना है। वह भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के त्रिपक्षीय समूह ‘आईबीएसए’ के छठे शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।

मोदी ने जोहानिसबर्ग रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में कहा, “दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करूंगा। यह एक खास शिखर सम्मेलन है, क्योंकि यह अफ्रीका में आयोजित हो रहा है। इसमें विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। शिखर सम्मेलन के दौरान कई विश्व नेताओं से मुलाकात करूंगा।”

उन्होंने लिखा, “मैं शिखर सम्मेलन में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप भारत का रुख पेश करूंगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि इस साल के जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ है, जिसके जरिये दक्षिण अफ्रीका ने नयी दिल्ली और रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) में आयोजित पिछले शिखर सम्मेलनों के परिणामों को आगे बढ़ाया है।

मोदी ने कहा, “मैं शिखर सम्मेलन से इतर साझेदार देशों के नेताओं के साथ होने वाली अपनी बातचीत और इस दौरान आयोजित होने वाले छठे आईबीएसए शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी को लेकर उत्सुक हूं।”

उन्होंने कहा, “यात्रा के दौरान, मैं दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत को लेकर भी उत्सुक हूं, जो भारत के बाहर सबसे बड़े प्रवासी समूह में से एक है।”

प्रधानमंत्री के जी-20 शिखर सम्मेलन के तीनों सत्रों को संबोधित करने की उम्मीद है।

शिखर सम्मेलन के पहले सत्र का विषय “समावेशी और सतत आर्थिक विकास, जिसमें कोई पीछे न छूटे : हमारी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण, व्यापार की भूमिका, विकास के लिए वित्तपोषण और ऋण का बोझ” है।

वहीं, दो अन्य सत्र का विषय “एक लचीली दुनिया-जी-20 का योगदान : आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन, खाद्य प्रणालियां”; और “सभी के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत भविष्य : महत्वपूर्ण खनिज, सभ्य कार्य, कृत्रिम बुद्धिमत्ता” रखा गया है।

यह ‘ग्लोबल साउथ’ के किसी देश में आयोजित किया जाने वाला समूह का लगातार चौथा शिखर सम्मेलन होगा।

‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित या अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के उनके समकक्ष शी चिनफिंग इस साल जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।