उत्तराखंड की धामी सरकार ने यूसीसी और धर्मांतरण विरोधी कानून बनाकर साहसिक कदम उठाया : मोदी
देहरादून, नौ नवंबर (भाषा)प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जनसांख्यिकी बदलाव रोकने के उपाय, समान नागरिक संहिता (यूसीसी), अवैध धर्मांतरण पर रोक और दंगा नियंत्रण को लेकर उत्तराखंड सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को ‘साहसिक’ करार देते हुए उनकी प्रशंसा की और सुझाव दिया कि अन्य राज्यों को भी उनका अनुकरण करना चाहिए।
मोदी ने उत्तराखंड के गठन की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की सरकार ने जिस गंभीरता से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया, वह अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल है। राज्य सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगा नियंत्रण कानून जैसे राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर साहसिक नीतियां अपनाई हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार (उत्तराखंड में) भूमि हड़पने और जनसांख्यिकीय परिवर्तन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी ठोस कार्रवाई कर रही है।’’
देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने रिमोट के जरिये 8260.72 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की और कहा कि उत्तराखंड अगले कुछ वर्षों में खुद को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड की विकास यात्रा को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार ने हर बार उन पर विजय प्राप्त की है और यह सुनिश्चित किया है कि विकास की गति न थमे।’’
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कि उत्तराखंड आने वाले वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र इसके भविष्य की यात्रा के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन’ वाली भाजपा सरकार उत्तराखंड की क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए काम कर रही है।
मोदी ने कहा, ‘‘आप सभी जानते हैं कि उत्तराखंड से मेरा कितना गहरा लगाव है। जब भी मैं आध्यात्मिक यात्राओं पर यहां आया, पहाड़ों में रहने वाले लोगों के संघर्ष और कड़ी मेहनत ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। इसने मुझे उत्तराखंड की अपार संभावनाओं से परिचित कराया।’’
उन्होंने कहा,‘‘बाबा केदार के दर्शन के बाद मैंने कहा था कि यह दशक उत्तराखंड का है। यह कोई सामान्य बात नहीं थी, मुझे आप पर पूरा विश्वास था।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का असली सार इसकी आध्यात्मिक शक्ति में निहित है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि उत्तराखंड दृढ़ निश्चय कर ले तो अगले कुछ वर्षों में वह विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित हो सकता है।’’
मोदी ने कहा कि 25 साल पहले उत्तराखंड की जो तस्वीर थी, वह अब पूरी तरह बदल चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां आने से पहले, मैंने रजत जयंती समारोह में प्रदर्शनी देखी थी। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि हर नागरिक इसे देखे। यह पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड की यात्रा को दर्शाती है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शिक्षा, पर्यटन, उद्योग, स्वास्थ्य, ऊर्जा और ग्रामीण विकास जैसे कई क्षेत्रों में सफलता की कहानियां प्रेरणादायक हैं।’’उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड की प्रगति की सराहना की।
मोदी ने कहा कि 25 साल पहले उत्तराखंड का बजट केवल 4,000 करोड़ रुपये था, जो अब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि 25 सालों में उत्तराखंड में बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ गया है और सड़कों की लंबाई दोगुनी हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हर छह महीने में हवाई मार्ग से आने वाले 4,000 यात्रियों की तुलना में आज प्रतिदिन 4,000 से अधिक यात्री आते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘इन 25 वर्षों में इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की संख्या 10 गुना से भी अधिक बढ़ी है। पहले केवल एक चिकित्सा महाविद्यालय था, लेकिन अब 10 हो गए हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह परिवर्तन समावेशिता की नीति और प्रत्येक उत्तराखंडी के संकल्प का परिणाम है।’’
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के प्रयास में मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 8000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में जमरानी बांध और देहरादून में सोंग बांध पेयजल की कमी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सेब और कीवी किसानों को डिजिटल मुद्रा के माध्यम से अनुदान उपलब्ध कराएगी।
मोदी ने कहा कि राज्य में दो लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि गौरीकुंड-केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे का भी शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी परियोजनाएं उत्तराखंड के विकास को नई गति दे रही हैं।’’
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का सुझाव दिया जिनमें राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम यहां के मंदिरों, आश्रमों, ध्यान और योग केंद्रों को वैश्विक नेटवर्क से जोड़ सकते हैं। देश-विदेश से लोग यहां स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं। यहां जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड ने सुगंधित पौधों, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, योग और स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब समय आ गया है कि एक सम्पूर्ण पैकेज पर विचार किया जाए। उत्तराखंड के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में योग केंद्र, आयुर्वेदिक केंद्र, प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र और होमस्टे को प्रोत्साहित किया जाए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि उत्तराखंड का हर गांव एक छोटा ‘पर्यटन केंद्र’ बने। उन्होंने कहा, ‘‘होमस्टे स्थापित किए जाने चाहिए और स्थानीय खान-पान व संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा,‘‘कल्पना कीजिए कि विदेशी पर्यटकों को कैसे आनंद का अनुभव होगा जब वे घरेलू माहौल में डूब जाएंगे और चुड़कानी, अरसा, भात और झंगोरा की खीर खाएंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खुशी इन पर्यटकों को उत्तराखंड वापस लाएगी।
मोदी ने कहा कि धार्मिक पर्यटन, शीतकालीन पर्यटन, साहसिक पर्यटन, विवाह स्थलों का विकास और फिल्म शूटिंग स्थल ऐसे अन्य क्षेत्र हो सकते हैं जहां उत्तराखंड प्रगति कर सकता है।
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की गई परियोजनाएं पेयजल, सिंचाई, तकनीकी शिक्षा, ऊर्जा, शहरी विकास, खेल और कौशल विकास सहित कई प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित हैं।
समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे।
